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  • IAS बनीं अन्नपूर्णा मिश्रा और सौम्य शर्मा, बेल्हा की माटी ने फिर रचा इतिहास

    IAS बनीं अन्नपूर्णा मिश्रा और सौम्य शर्मा, बेल्हा की माटी ने फिर रचा इतिहास

    प्रतापगढ़: जिले के लिए गौरवपूर्ण पल तब आया जब लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अन्नपूर्णा मिश्रा और सौम्य शर्मा का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए हुआ। यह सफलता न सिर्फ इन दो प्रतिभाओं की है, बल्कि पूरे जिले की शान और प्रेरणा बन गई है।

    अन्नपूर्णा मिश्रा:

    अन्नपूर्णा मिश्रा की सफलता एक मिसाल है। माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन निश्चित ही आज उनकी आत्मा बेटी की इस ऐतिहासिक सफलता पर गर्व महसूस कर रही होगी। उनके पिता तहसील में पेशकार थे, जिनका जीवन फाइलों के बीच बीता। आज उनकी बेटी ऐसी जगह पहुंच गई है, जहां अब बड़ी से बड़ी फाइलें उनके सामने प्रस्तुत की जाएंगी। संघर्षों और कठिनाइयों के बीच भी अन्नपूर्णा ने शिक्षा के प्रति अपने समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से वह मुकाम पाया, जो हर किसी के बस की बात नहीं। आज वे समाज में प्रेरणा की प्रतीक बन चुकी हैं।

    सौम्य शर्मा:

    सौम्य शर्मा की मेहनत और लगन भी रंग लाई है। उनके पिता एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता हैं, जो वर्षों से जरूरतमंदों को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे हैं। अब उनका बेटा देश की सेवा के उस पद पर पहुंच गया है, जहां वह खुद न्याय व्यवस्था और प्रशासन का हिस्सा बनकर बड़े-बड़े निर्णय ले सकेगा। यह पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है।

    बेल्हा की पावन माटी ने एक बार फिर दिखा दिया है कि यहां की प्रतिभाएं देश के शीर्ष पदों तक पहुंचने का हौसला और काबिलियत रखती हैं।

    हम सबको गर्व है, वंदन है, अभिनंदन है।

    जय हिंद! जय भारत!

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  • प्रतापगढ़: कैरियर एकेडमी विद्यालय में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन

    प्रतापगढ़: कैरियर एकेडमी विद्यालय में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन

    हिमांशु पाण्डेय
    प्रतापगढ़: अचलपुर स्थित कैरियर एकेडमी में विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में छात्रों ने विभिन्न वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुत किए, जिनका विषय “विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना” था।

    प्रदर्शनी में छात्रों ने पर्यावरण अनुकूल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार किए गए मॉडल प्रस्तुत किए, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में अभिभावक पहुंचे। अभिभावकों ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की।

    कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक शशांक पांडे ने विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए और विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी।

    इस अवसर पर शिक्षकगण सुजीत मिश्रा, विपुल पांडे, मधु सिंह, चित्रा श्रीवास्तव, दीक्षा रावत, विशाखा श्रीवास्तव और कीर्ति सोनी सहित अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

  • CBSE 2026 से साल में दो बार कराएगा 10वीं बोर्ड परीक्षा, छात्रों को मिलेगा दो मौके

    CBSE 2026 से साल में दो बार कराएगा 10वीं बोर्ड परीक्षा, छात्रों को मिलेगा दो मौके

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन में बड़ा बदलाव करने की योजना बनाई है। नए प्रस्ताव के तहत, अब साल में दो बार 10वीं की परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिससे छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने का अतिरिक्त अवसर मिलेगा।

    कैसा होगा नया परीक्षा पैटर्न?

    CBSE के ड्राफ्ट पॉलिसी के अनुसार, 2026 से दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों में कराई जाएंगी।

    • पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच होगी।
    • दूसरी परीक्षा: 5 मई से 20 मई तक आयोजित की जाएगी।

    छात्रों को दोनों परीक्षाओं में बैठने की आजादी होगी, और वे अपने सर्वोत्तम अंकों को सुरक्षित रख सकेंगे। इस प्रणाली को लागू करने का मुख्य उद्देश्य परीक्षा के तनाव को कम करना और छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करना है।

    छात्रों को मिलेगा फायदा

    CBSE की इस नई परीक्षा प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि छात्र अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं। कई बार किसी कारणवश छात्र अपनी पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते, लेकिन दूसरी परीक्षा में वे अपनी गलतियों को सुधारकर बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम खासतौर पर उन छात्रों के लिए मददगार साबित होगा, जो परीक्षा के दबाव में अच्छे अंक नहीं ला पाते।

    नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव

    CBSE द्वारा प्रस्तावित यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है। NEP का उद्देश्य परीक्षा के बोझ को कम करना और छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करना है। यह नई परीक्षा प्रणाली छात्रों को मानसिक तनाव से बचाने के साथ-साथ उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद करेगी।

    CBSE का ग्लोबल पाठ्यक्रम

    CBSE ने 2026-27 से अपने विदेशी स्कूलों के लिए एक वैश्विक पाठ्यक्रम (Global Curriculum) शुरू करने की भी योजना बनाई है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उठाया जा रहा है।

    अंतिम निर्णय जल्द

    हालांकि यह ड्राफ्ट पॉलिसी अभी विचाराधीन है और इसे लागू करने से पहले अंतिम मंजूरी की आवश्यकता होगी। शिक्षा विशेषज्ञों और संबंधित अधिकारियों की समीक्षा के बाद इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा।

    CBSE का यह नया फैसला छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगा। इससे न केवल परीक्षा का तनाव कम होगा, बल्कि छात्रों को अपने प्रदर्शन को बेहतर करने का मौका भी मिलेगा। शिक्षा जगत में यह नई पहल सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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