लखनऊ: मेरठ से लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को 7 फरवरी से 19 फरवरी तक रद्द कर दिया गया है। इसका कारण बालामऊ स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य है, जिसकी वजह से लखनऊ रेलवे मंडल ने कुल 26 ट्रेनों को अस्थायी रूप से रद्द किया है। इन ट्रेनों में राज्यरानी एक्सप्रेस भी शामिल है, जो 14 फरवरी से 19 फरवरी तक रद्द रहेगी।
नौचंदी एक्सप्रेस के रूट में भी बदलाव किया गया है। यह ट्रेन 14 फरवरी से 18 फरवरी तक लखनऊ-कानपुर-खुर्जा-हापुड़ होकर चलेगी, जबकि इस दौरान यह अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर और बरेली स्टेशनों पर नहीं रुकेगी।
ट्रेनों के इस बदलाव से यात्रियों को काफी परेशानी हो सकती है, क्योंकि लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद और रामपुर की यात्रा के लिए सुबह के समय ये ट्रेनें एक प्रमुख विकल्प थीं। इनके रद्द होने से अब यात्रियों को बसों का सहारा लेना पड़ेगा।
हालाँकि, रेलवे प्रशासन ने महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखते हुए 18 से 24 फरवरी के बीच वैष्णो देवी कटरा-फाफामऊ जंक्शन कुंभ स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। ट्रेन नंबर 04613 वैष्णो देवी कटरा से 18 और 23 फरवरी को सुबह 3:50 बजे रवाना होगी। यह ट्रेन जम्मू तवी, कठुआ, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना, अंबाला, सहारनपुर, रुड़की, मुरादाबाद और बरेली होते हुए रात 11:57 बजे लखनऊ के चारबाग स्टेशन पहुंचेगी। पांच मिनट के ठहराव के बाद यह रायबरेली होते हुए सुबह 4:25 बजे फाफामऊ जंक्शन पहुंचेगी।
यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले ट्रेन शेड्यूल की जानकारी ले लें ताकि किसी असुविधा से बचा जा सके।
Category: भारत
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मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस 13 दिन के लिए रद्द, 26 अन्य ट्रेनें भी होंगी प्रभावित
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गुड न्यूज! चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले!, योगी सरकार 12 के बजाय देगी 13 महीने की सैलरी
उपचुनाव से पहले इलेक्शन ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को योगी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। योगी सरकार चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने जा रही है। इससे हजारों कर्मचारियों को फायदा होगा।शासन स्तर पर इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश के बाद राज्य सरकार का 11 करोड़ 54 लाख रुपये खर्च होगा। वहीं, इससे 2217 राज्य कर्मचारियों को फायदा होगा। उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयुक्त नवदीप रिणवा ने बताया कि चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को एक महीने के मूल वेतन के बराबर अतिरिक्त मानदेय मिलेगा। सभी 75 जिला निर्वाचन अधिकारियों को 1.2 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं, रिटर्निंग ऑफिसर को 60 हजार रुपये और सहायक रिटर्निग ऑफिसर को 50 हजार रुपये मिलेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में तैनात नियमित अफसरों और कर्मचारी को भी एक महीने का मूल वेतन मिलेगा। -
प्रयागराज अपने स्थलों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है
प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यह शहर न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि शिक्षा, प्रशासन, और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है।
### प्रसिद्ध स्थल:
प्रयागराज अपने धार्मिक स्थलों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। **संगम** यहां का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र स्थल है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का मिलन होता है। यह स्थान हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है और हर 12 साल में यहां कुंभ मेला का आयोजन होता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है। इसके अलावा, प्रत्येक वर्ष माघ मेला भी संगम के तट पर आयोजित होता है, जो लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
**आनंद भवन** एक और प्रमुख स्थल है, जो नेहरू परिवार का पूर्व निवास स्थान था। यह अब एक संग्रहालय है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को दर्शाने वाले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और वस्तुएं यहां संरक्षित हैं। आनंद भवन के पास ही **स्वराज भवन** भी स्थित है, जो मोतीलाल नेहरू द्वारा बनवाया गया था और जहां जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था।
प्रयागराज में **खुसरो बाग** भी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। यह एक सुंदर मुगल गार्डन है, जिसमें खुसरो मिर्जा, जो कि अकबर के पुत्र थे, की मकबरा स्थित है। खुसरो बाग में मुगल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलता है।
**इलाहाबाद किला** एक और ऐतिहासिक स्थल है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। इसे मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था और यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित एक स्मारक है। किले के भीतर पातालपुरी मंदिर और अक्षयवट वृक्ष स्थित हैं, जिनका धार्मिक महत्व है।
शहर में **चन्द्रशेखर आजाद पार्क** भी प्रमुख स्थल है, जहां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धा चंद्रशेखर आजाद ने अपने प्राण त्यागे थे। इसे पहले अल्फ्रेड पार्क के नाम से जाना जाता था।
### प्रसिद्ध भोजन:
प्रयागराज का खाना उसके सांस्कृतिक मिश्रण का प्रतीक है। यहां के लोग स्वादिष्ट और पारंपरिक उत्तर भारतीय भोजन का आनंद लेते हैं।
**कचौड़ी-सब्जी** प्रयागराज का एक बहुत ही लोकप्रिय नाश्ता है। सुबह-सुबह यहां के स्थानीय बाजारों में कचौड़ी की दुकानों पर भीड़ देखने को मिलती है। इसे मसालेदार आलू की सब्जी और चटनी के साथ परोसा जाता है, जो यहां के लोगों की पसंदीदा है। इसके अलावा, **जलेबी** यहां की एक और प्रसिद्ध मिठाई है, जिसे लोग नाश्ते में खाना पसंद करते हैं।
**आलू-टमाटर का चोखा** भी यहां का एक खास व्यंजन है, जो विशेष रूप से पूड़ी या कचौड़ी के साथ खाया जाता है। यह साधारण लेकिन स्वादिष्ट डिश प्रयागराज की विशेष पहचान है।
प्रयागराज की **लस्सी** भी बहुत मशहूर है। इसे मिट्टी के कुल्हड़ में परोसा जाता है, जो इसे और भी स्वादिष्ट बना देता है। गर्मियों में ठंडी लस्सी पीना यहां के लोगों का पसंदीदा शौक है।
शहर की मिठाइयों में **इमर्ति**, **रबड़ी**, और **गुजिया** विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इनका स्वाद अनोखा होता है और यह यहां की स्थानीय मिठाई की दुकानों में आसानी से मिल जाती हैं।
### प्रमुख कार्य और व्यवसाय:
प्रयागराज शिक्षा, प्रशासन और न्यायिक क्षेत्र का एक प्रमुख केंद्र है। यहां **इलाहाबाद उच्च न्यायालय** स्थित है, जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के लिए न्यायिक मामलों का निपटारा करता है। इस उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक महत्व है और यह भारतीय न्यायपालिका का एक महत्वपूर्ण अंग है।
शहर में **इलाहाबाद विश्वविद्यालय** भी स्थित है, जिसे ‘पूर्व का ऑक्सफोर्ड’ कहा जाता है। यह विश्वविद्यालय भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, जहां से कई प्रतिष्ठित विद्वान और नेता निकले हैं। यहां की शिक्षा व्यवस्था और अकादमिक माहौल पूरे देश में प्रसिद्ध है।
प्रयागराज का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र **कृषि** है। यहां की उपजाऊ भूमि पर धान, गेहूं, सरसों और गन्ने जैसी प्रमुख फसलों की खेती की जाती है। यहां के किसान आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग कर अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा, प्रयागराज में **हथकरघा उद्योग** भी एक महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्र है। यहां के बुनकर पारंपरिक भारतीय वस्त्रों, जैसे कि साड़ी और दुपट्टे, का निर्माण करते हैं, जो देशभर में लोकप्रिय हैं। इन वस्त्रों में प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कला की झलक मिलती है।
शहर में **प्रकाशन और प्रिंटिंग** उद्योग भी बहुत विकसित है। यहां कई प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है, जो उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में पढ़े जाते हैं। इसके साथ ही, प्रयागराज में कई बड़े सरकारी और निजी प्रकाशन घर भी स्थित हैं, जो शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान देते हैं।
### सांस्कृतिक गतिविधियां और आयोजन:
प्रयागराज में **कुंभ मेला** का आयोजन विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो हर 12 साल में संगम पर आयोजित होता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु और संत भाग लेते हैं। कुंभ मेले के दौरान शहर में विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
इसके अलावा, शहर में **माघ मेला** भी हर साल संगम पर आयोजित होता है, जो एक महीने तक चलता है। इस दौरान श्रद्धालु संगम में स्नान कर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। यह मेला प्रयागराज की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रयागराज में **कला और साहित्य** का भी गहरा संबंध है। यहां कई साहित्यिक कार्यक्रम, जैसे कि कवि सम्मलेन, मुशायरे और नाटक, आयोजित होते हैं, जो शहर की सांस्कृतिक जीवंतता को दर्शाते हैं। प्रयागराज ने हिंदी साहित्य को भी कई महान लेखक और कवि दिए हैं, जैसे कि महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, और फिराक गोरखपुरी।
### निष्कर्ष:
प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक ऐसा शहर है, जो अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यहां के प्रसिद्ध स्थल, पारंपरिक भोजन, और विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियां इस शहर को अद्वितीय बनाती हैं। प्रयागराज का महत्व न केवल इतिहास और संस्कृति में बल्कि आधुनिक भारत के विकास में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहां की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक आस्था, और शैक्षणिक परंपरा इस शहर को देश के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक बनाती है। -
जिला सेवायोजन कार्यालय में 05 सितम्बर को लगेगा रोजगार मेला
प्रतापगढ़। जिला सेवायोजन अधिकारी अनुभव त्रिपाठी ने बताया है कि जिला सेवायोजन कार्यालय प्रतापगढ़ परिसर में दिनांक 05 सितम्बर 2024 को पूर्वान्ह 10 बजे से रोजगार मेले का आयोजन किया गया है जिसमें निजी क्षेत्र की कम्पनी वर्धमान यार्न्स एण्ड थ्रेड्स लिमिटेड द्वारा ट्रेनी आपरेटर पद पर (कार्य स्थल लुधियाना पंजाब) बेरोजगार अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा। इच्छुक अभ्यर्थी मेले में अपने साथ आई0डी0, मूल शैक्षिक अभिलेख एवं पासपोर्ट साइज फोटो के साथ सम्मिलित हो सकते है। रोजगार मेले में प्रतिभाग करने के लिये सर्वप्रथम अभ्यर्थियों को रोजगार संगम पोर्टल पर आनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। आनलाइन पंजीयन के लिये सबसे पहले रोजगार संगम पोर्टल को अपने ब्राउजर में खोले। इसके बाद साइन अप/लागिन मेन्यू में जाकर जॉबसीकर आप्शन का चयन करें। जॉब सीकर आप्शन पर क्लिक करने के उपरान्त साइन अप पेज दिखाई देगा। इस पेज पर समस्त वांछित सूचनायें भरनी है। रजिस्टर फॉर में दो ऑपशंस मिलेगें, पहला कैम्पस स्टूडेन्ट और दूसरा है जनरल जॉब सीकर का। अगर वर्तमान समय में किसी कैम्पस, इन्स्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी के अंतिम वर्ष के छात्र है तो कैम्पस स्टूडेन्ट ऑप्शन सेलेक्ट करना है। यदि पास आउट है तो जनरल जॉब सीकर आप्शन सेलेक्ट करना है। यहां से अपनी समस्त सूचनायें जैसे पर्सनल डिटेल, परमानेन्ट एड्रेस, फिजिकल डीटेल्स, करियर प्रोफाइल, एजुकेशनल क्वालीफिकेशन, एक्सपीरियंस, लैंग्वेज और स्किल आदि भरेगें। एक्सपीरियंस भरने के लिये न्यू एक्सपीरियंस बटन पर क्लिक करना होगा। समस्त डॉक्यूमेन्ट अपलोड करने है। प्रिन्ट रजिस्ट्रेशन कार्ड बटन पर क्लिक करके आप अपना जॉब कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं अभ्यर्थियों को रोजगार संगम पोर्टल पर रिज्यूम बनाने की सुविधा भी दी गई है। अभ्यर्थियों को रोजगार संगम पोर्टल rojgaarsangam.up.gov.in पर आनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य है।
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पात्र एवं बेघरों को मिलेगा पीएम आवास, नये सिरे से होगा सर्वे-जिलाधिकारी
Waseel Qasimy – The Express News
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने बताया है कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत आगामी चरण 2024-25 से 2028-29 तक के लिये पात्रों का चयन कर उन्हें आवास बनाने के लिये सहायत धनराशि दी जायेगी। इसके लिये पात्र परिवारों का सर्वे किया जायेगा, इससे पीएम आवास योजना से वंचित लोगों को आवास मिलेगा। उन्होने बताया है कि पीएम आवास योजनान्तर्गत पात्र परिवारों के चयन हेतु निर्धारित मानक में संशोधन किया गया है। उन्होने बताया है कि पीएम आवास योजना के तहत अब जो परिवार स्वतः अपात्र होगें उनमें क्रमशः मोटर युक्त तिपहिया/चार पहिया वाहन, मशीनीकृत तिपहिया/चार पहिया कृषि उपकरण, 50 हजार रूपये अथवा उससे अधिक सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्ड, वह परिवार जिसमें कोई भी सदस्य सरकारी कर्मचारी हो, सरकार के पास पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम वाले परिवार, वह परिवार जिनका कोई सदस्य प्रति माह 15 हजार रूपये से अधिक कमाता है, आयकर देने वाला परिवार, व्यवसाय कर देने वाला परिवार, 2.5 एकड़ या उससे अधिक सिंचित भूमि का स्वामी हो, 5 एकड़ से अधिक असिंचित भूमि का स्वामी हो सम्मिलित है। जिलाधिकारी ने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शासन की मंशा और योजना के निर्धारित नवीन संशोधित मानक के अनुसार पारदर्शिता के साथ शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। योजना के नये संशोधित मापदण्ड के प्रचार प्रसार हेतु विकास खण्ड स्तर पर माननीय जनप्रतिनिधिगण के साथ बैठक कराते हुये जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों में ‘पीएमवाईजी-सर्वे 2024 उन्मुखीकरण गोष्ठी’ का आयोजन शीघ्र करायें। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया है कि ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों में ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लाभार्थी चयन 2024 रजिस्टर’’ रखा जाये जिसमें आवास से सम्बन्धित समस्त आवेदन पत्रों, प्रार्थना पत्रों तथा शिकायती पत्रों के निस्तारण का विवरण अंकित किया जाये। पात्रता एवं अपात्रता के नवीन मानक ग्राम पंचायत में सार्वजनिक स्थल पर वाल राइटिंग कराया जाये जिससे आम जनमानस में प्रचार हो सके तथा पात्र व बेघर परिवार इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठा सके।