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  • पोल्ट्री उद्योग के एक प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।

    ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बहादुर अली अध्यक्ष और एमडी आईबी ग्रुप छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में पोल्ट्री उद्योग के एक प्रतिनिधिमंडल बी. सुंदरजन, सुरेश चित्तूरी, गुलरेज आलम आईबी ग्रुप ने छत्तीसगढ़ राज्य के राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय के मार्गदर्शन में भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।

    प्रतिनिधि मंडल ने पोल्ट्री उद्योग पर चल रहे संकट और वित्तीय पीड़ा से वित्तमंत्री को अवगत कराया तो उन्होंने किसानों और पोल्ट्री उद्योग के प्रति अपनी सहानुभूति और चिंता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि वह स्वयं सरकार के साथ मिलकर इस समस्या पर बात करेगी और राहत पैकेज का बंदोबस्त करेगी। पोल्ट्री उद्योग हमारे पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह का बहुत आभारी है, जिन्होंने सभी मीडिया प्लेट फार्मों पर राष्ट्र को संबोधित करते ये संदेश जारी किया कि मुर्गी पालन के खिलाफ फैलाएं गलत और आधारहीन है। मैं सोशल मीडिया समाचारों का खंडन करता हूं। साथ ही राष्ट्र के नाम अपने संदेश में उन्होंने ये भी कहा कि पोल्ट्री बड्र्स के साथ कोविड-19 का कोई संबंध नहीं पाया गया है, बल्कि चिकन और अंडे का सेवन नहीं करने से व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर होती है और शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है।

    पोल्ट्री उद्योग को समर्थन देने के लिए वित्तमंत्री निर्मला के साथ गिरिराज की बैठक सफल मानी जा रही है। इस समय संकट की आग में झुलस रहे पोल्ट्री उद्योग का समर्थन करने के लिए पोल्ट्री उद्योग एवं किसानों को गिरिराज के नेतृत्व पर गर्व है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी और मंत्री सीतारमण मुर्गी पालन उद्योग में इन संकटों से प्रभावित 10 करोड़ से अधिक मुर्गीपालन, सोया, मक्का किसानों और अन्य संबंधित लोगों के भविष्य लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।

    रायपुर से इस्तेखार अहमद को रिपोर्ट

  • कोरोना:राशनकार्डधारकों को अप्रैल एवं मई माह का चावल का एक साथ बांटने…देखे रिपोर्ट

    रायपुर. सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के उपायों के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशनकार्डधारकों को अप्रैल एवं मई माह का चावल का एक साथ बांटने का निर्णय लिया है। इसके लिए खाद्य विभाग द्वारा आवंटन जारी करते हुए अंत्योदय, प्राथमिकता और अन्नपूर्णा श्रेणी के राशनकार्डधारकों को माह अप्रैल एवं मई 2020 का चावल के साथ नमक और शक्कर का भी एकमुश्त वितरण अप्रैल में करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इससे प्रदेश के तकरीबन 70 लाख परिवारों को दो माह का खाद्यान्न मिल पाएगा। बतादें कि इससे सरकार का दोहरा फायदा है। वैसे भी कस्टम मिलिंग के बाद सरकार के गोदामों में चावल रखने जगह नही हैं। इससे पहले भी सरकार ने एेसे में दो माह का वितरण करने की पहल की थी।
    दूसरे प्रदेशों से आने वाले यात्री वाहनों पर रोक लगाने मुख्य सचिव ने लिखा पत्र
    राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बस सेवा को बंद करने के बाद दूसरे राज्यों से आने वाले यात्री वाहन और बस पर रोक लगाने के लिए पहल की है। इसके लिए मुख्य सचिव आरपी मंडल ने मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडि़शा, उत्तप्रदेश, झारखंड और आंध्रप्रदेश के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अंतरराज्यीय बस सेवाओं को रोकने का आग्रह किया है। उन्होंने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के सीमित साधन हैं, ऐसे में दूसरे प्रदेशों से लोगों की आवाजाही के बाद ना सिर्फ संक्रमण का खतरा है, बल्कि उसकी संख्या में इजाफा होना तय है। ऐसे में तत्काल बस सेवा पर रोक लगाने को कहा गया है।

    इस्तेखार अहमद की रिपोर्ट

  • शहीद हुए जावानों को श्रद्धांजलि देने सुकमा पहुंचे. मुख्यमंत्री कही ये बड़ी बात देखे रिपोर्ट

    रायपुर: शनिवर को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए 17 जावानों को श्रद्धांजलि देने सुकमा पहुंचे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवानों के परिजनों को सांत्वना दी और कहा, ‘माओवाद को प्रदेश से जड़ से उखाड़ कर रहेंगे.’ शहीद जवानों को अंतिम विदाई देने आये बघेल ने नम आंखों से कहा की जवानों की ‘शहादत बेकार’ नहीं जाएगी.

    सोमवार को बघेल जब शहीदों को श्रदांजलि देने सुकमा पहुंचे तो वहां पर मौजूद मृत जवानों के परिजनों के ना रुकने वाले आंसुओं और गमगीन माहौल को देख वे भी अपनी आंखों को नम होने से रोक नही पाए. मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘मैं जवानों के हौसलों को सलाम करता हूं. जब तक नक्सल समाप्त नहीं होता, तब तक लड़ाई जारी रहेगी. हमारे जवानों ने उन्हें घेरकर मारा है. ये बात सही है कि हमारे 17 जवान नहीं रहे. बड़ा नुकसान हमको हुआ है, लेकिन नक्सलियों की जड़ उखाड़ कर रहेंगे.’

    अपनी सरकार का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘ हमारी रणनीति में कोई कमी नहीं, कोई
    इंटेलीजेंस में चूक नहीं हुई है.’

    प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा, 17 जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी हम नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रखेंगे. अवस्थी ने यह भी कहा, ‘हमारे जवानों ने शहादत से पहले नक्सलियों को बड़ी संख्या में मारा है. एक दो दिन में उनकी संख्या और नाम उजागर किए जाएंगे. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा. बता दें कि मारे गए जवानों के हथियार नक्सली लूटकर ले गए हैं.

    अवस्थी ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ आगामी बैठक के बाद माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बदलाव किया जाएगा. इसी बैठक में नक्सलियों के खिलाफ बनाई गई रणनीति में भी बदलाव किया जाएगा साथ ही उचित दिशा निर्देश भी जारी होगा.

    जनता कर्फ्यू के एक दिन पहले चलाए गए इस ऑपरेशन के सवाल पर डीजीपी का कहना था कि अधिकारियों को प्राप्त सूचना और रिपोर्ट के आधार पर ही इस अभियान को चलाया गया था, चूक कहां हुई, इस पर समीक्षा की जा रही है.

    नक्सली हमले में शहीद जवानों के शवों को सोमवार सुबह जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन लाया गया जहां उन्हें अंतिम सलामी दी गई. वहीं बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी समेत पुलिस के उच्चाधिकारियों ने शहीद जवानों को कंधा दिया. ज्ञात हो कि मारे गए 11 जवान सुकमा जिले के स्थानीय नागरिक थे जो कभी स्वयं माओवादी हुआ करते थे. परंतु बाद में इन्होंने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़कर राज्य सरकार द्वारा गठित डीआरजी में भर्ती होकर माओवादी विरोधी अभियान में शामिल गो गए थे.

    राज्य सरकार ने 23 मार्च को सुकमा एवं बीजापुर जिलों में नक्सल अभियान में सहयोग के लिए दो विशेष अधिकारियों की ड्यूटी आगामी कुछ समय के लिए अस्थाई तौर पर लगाई है.

    पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार जितेंद्र शुक्ला पुलिस अधीक्षक महासमुंद की ड्यूटी सुकमा जिले में और के एस ध्रुव सेनानी दसवीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल सरगुजा की ड्यूटी बीजापुर जिले में लगाई गई है जहां इनसे नक्सली अभियानों में मदद ली जाएगी. अब देखना होगा कि कब तक ऐसे ही नक्सली हमले में जवान मारे जाते रहेंगे.

    रायपुर से इस्तेखार अहमद की रिपोर्ट

  • एक हाईवे 22 साल से नक्सलियों के कब्जे में है? पढ़े पूरी ख़बर

    रायपुर। भले ही ये खबर सुनने में थोड़ी अटपटी सी लगे। इसे पढ़ने के बाद आप सवाल भी करेंगे कि आजाद भारत में यह कैसे संभव है, मगर यह सच है। छत्तीसगढ़ का एक हाईवे नक्सलियों के कब्जे में है। वे 22 साल से इस पर कब्जा किए हैं। जब भी यहां कोई काम शुरू होता है तो नक्सली सरकारी विभाग और सुरक्षा बलों पर हमला करने लगते हैं। इसके लिए वे बारसूर-पल्ली स्टेट हाईवे पर सिलेंडर और प्रेशर कुकर वाले बमों का इस्तेमाल करते हैं। सोमवार को सीआरपीएफ और जगदलपुर पुलिस ने इस सड़क पर 13 बम बरामद किए हैं। सीआरपीएफ की 195वीं वाहिनी के अफसरों का कहना है कि वे इस सड़क को नक्सलियों के कब्जे से छुड़वा कर ही दम लेंगे। बहुत जल्द इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा होगा। यह हमारी जिद है कि 2021 में इस स्टेट हाईवे पर गाड़ियां सरपट दौड़ती हुई नजर आएंगी।

    बता दें कि बारसूर-पल्ली स्टेट हाईवे एक ऐसी सड़क है, जो छत्तीसगढ़ के कई जिलों को आपस में जोड़ती है। दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर और बीजापुर की सीमा उक्त सड़क से लगती है। दो दशक बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक यह हाईवे पांच जिलों को आपस में नहीं जोड़ सका है। वजह, नक्सलियों ने इसे रोक रखा है। सरकार ने इस पर अब काम शुरू किया है। मकसद है कि सड़क को इस साल के अंत तक नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाकर इसका निर्माण पूरा करा लिया जाए। नक्सली कहां मानने वाले थे। उन्होंने वे आए दिन यहां पर हमला करना शुरू कर दिया। हमला भी कोई ऐसा वैसा नहीं होता, बल्कि उसमें घातक हथियारों जैसे एके 47, एसएलआर, इन्सास राइफल और एक्स 95 के अलावा आईईडी ब्लास्ट का इस्तेमाल किया जाता है।

    पिछले कुछ दिनों में यहां पर 35 से ज्यादा आईईडी बरामद की गई हैं। इनमें सिलेंडर बम और प्रेशर कुकर बम शामिल है। गत शनिवार को नक्सलियों ने यहां गश्त कर रही रोड ओपनिंग पार्टी पर घात लगाकर हमला कर दिया था। पहले आईईडी ब्लास्ट किया गया और उसके बाद फायरिंग शुरू कर दी। इसमें छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स के दो जवान शहीद हुए और सीआरपीएफ का एक एएसआई घायल हो गया था। ये सभी जवान निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे। इस हमले को मारदुम थाना क्षेत्र में बोदली कैंप के निकट अंजाम दिया गया। सीआरपीएफ ने मौके पर पहुंचकर नक्सलियों को खदेड़ा।

    सीआरपीएफ की 195 वीं वाहिनी भी इस सड़क को खुलवा कर ही दम लेगी

    अधिकारियों के अनुसार, सीआरपीएफ की 195वीं वाहिनी के जांबाजों ने ये जिद पाल रखी है कि वे चालू वर्ष में इस सड़क को सामान्य वाहनों के लिए उपलब्ध करा देंगे। छत्तीसगढ़ के पांच जिले इस सड़क से जुड़ जाएंगे। सीआरपीएफ के जांबाजों की उपस्थिति से नक्सली भली भांति परिचित हैं।
    वे जानते हैं कि बहुत जल्द सीआरपीएफ इस सड़क को अपने कब्जे में ले लगी। यही वो इलाका है, जहां पर नक्सली समूह अपनी बैठकें करते रहे हैं। इसी मार्ग के जरिए वे हितावाड़ा, वाया तोड़मा होते हुए बाकेली और उसके बाद कचनार तक जाते हैं।
    यही वो मार्ग है जो नक्सलियों को बोदली, पुसपाल मालेवाही, पिच्चिकोडेर, अमलीडीह और भटपाल व एरपुंड तक पहुंचाता है। सीआरपीएफ ने पुसपाल के आसपास अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। दूसरे कई जगहों पर भी इस बल ने अपनी पहुंच बनाई है।
    नक्सलियों को इसका अहसास है, इसलिए वे लगातार यहां आईईडी दबाकर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं। मात्र दो-तीन माह में तीन दर्जन आईईडी बरामद होने का मतलब नक्सलियों की मंशा समझने के लिए काफी है। सीआरपीएफ उन पर दबाव बनाने में काफी हद तक कामयाब हो गई है। अब जल्द ही उन्हें यहां से खदेड़ दिया जाएगा।

    रायपुर से इस्तेखार अहमद की रिपोर्ट

  • नवविवाहिता की सर्दी-खांसी और बुखार से मौत, हनीमून मना कर लौटी थी

    रायपुर। जम्मू-कश्मीर से हनीमून मनाकर वापस लौटी नवविवाहिता की सर्दी-खांसी और बुखार से मौत हो गई है. नवविवाहिता की मौत के बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार को विशेष सतर्कता बरतने कहा गया है.

    बताया जा रहा है कि बिलासपुर के कोटा थाना क्षेत्र के बेलगहना में रहने वाली मृतिका की शादी इसी साल 4 मार्च को दुर्ग जिले के भिलाई में रहने वाले एक युवक से हुई थी. शादी के बाद दोनो हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे. जहां से लौटने के बाद नवविवाहिता होली में मायके आ गई थी. उसे बुखार और फिर सर्दी-खांसी की शिकायत थी. परिजनों ने उसे वंदना अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन तबीयत बिगड़ने के बाद 12 मार्च को उसे अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के शव को पीएम के लिए सिम्स अस्पताल भेज दिया था. सिम्स अस्पताल के डॉक्टर विवेक शर्मा ने बताया कि महिला का पीएम सिम्स में किया गया है और उसकी रिपोर्ट सरकंडा थाना भेज दी गई है.

    वहीं जिस अस्पताल में महिला का इलाज किया गया है. उस अस्पताल से संपर्क कर महिला की बीमारी के संबंध में जानकारी चाही गई तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई.

    उधर राज्य नोडल अधिकारी आईडीएसटी डॉ धर्मेन्द्र गहवई ने महिला को कोरोना पीड़ित होने से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि WHO और भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार वो महिला कोरोना के संदिग्ध की श्रेणी में नहीं थी. उनके परिवार वालों को होम आइसोलेशन की स्ट्रिक्ट प्रीकॉशन नहीं दी गई है. उन्हें भी कहा गया है कि वायरस से बचने के लिए सामान्य दिशा निर्देशों का पालन करें. हाथ साबुन से रेगुलर धोते रहें, भीड़ वाली जगहों में न जाएं और जिन्हें सर्दी-खांसी है ऐसे लोगों से दूर रहें. उन्होंने बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जो कि संक्रमित देशों की यात्रा करके लौटा है या किसी तरह से कोरोना पॉजीटिव से उसका 1 मीटर के दायरे के भीतर कॉन्टेक्ट हुआ हो उसे संदिग्ध माना जाता है.

    रायपुर से इस्तेखार अहमद की रिपोर्ट