विकास दुबे का बडा क़बूलनामा,क्यों मारा देखे पूरी ख़बर

कहा कि घटना के बाद घर के ठीक बग़ल में कुयैं के पास पाँच पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था जिससे उनमें आग लगा कर सबूत नष्ट कर दिये जाये।आग लगाने के लिये घर में गैलनों में तेल रखा गया था।

वाले रंग के एक पचास लीटर के गैलन में तेल से जलाने का इरादा था।

लेकिन लाशें इकट्टठा करने के बाद उसे मौक़ा नहीं मिला। फिर वो फ़रार हो गया।

विकास दुबे ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में बताया-

देवेंद्र मिश्र से मेरा नहीं बनती थी। कई बार वो मुझसे देख लेने की धमकी दे चुके थे। पहले भी बहस हो चुकी थी।

विनय तिवारी ने भी बताया था कि सीओ तुम्हारे ख़िलाफ़ है।

लिहाजा मुझे सीओ पर ग़ुस्सा था।

सीओ को सामने के मकान में मारा गया था।

मैंने नहीं मारा सीओ को। लेकिन मेरे साथ के आदमियों ने दूसरी तरफ़ के आहाते से कूदकर मामा के मकान के आँगन में मारा था।पैर पर भी वार किया था। क्योंकि मुझे पता चला था कि वो बोलता है कि विकास का एक पैर गड़बड़ है। दूसरा भी सही कर दूँगा। सीओ का गला नहीं काटा था, गोली पास से सिर मे मारी गयी थी इसलिये आधा चेहरा फट गया था।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *