Paryagraj: प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया, देखे खबर

प्रयागराज। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया(SFI) के राज्य व्यापी आह्वान के तहत SFI की इलाहाबाद जिला कमेटी ने UGC के परीक्षा कराने के फैसले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन के सामने “UGC की 6 जुलाई के परीक्षा कराने के दिशा निर्देश” की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। SFI के राज्य सचिव विकास स्वरूप ने कहा कि UGC का परीक्षा कराने एक फैसला छात्र एवं मानवता विरोधी है। ऐसे में जब पूरे देश में कोविड-19 महामारी अपने चरम पर है, तब UGC परीक्षा कराने का फैसला शर्मनाक है। इस समय तमाम शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्रा अपने घरों को जा चुके है। शिक्षण संस्थानों तक उनका पहुँचना कैसे हो पाएगा, इसका विचार UGC के जेहन में नही आता है। इस सत्र में सभी छात्रों को बिना परीक्षा के प्रमोट करना चाहिये, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारों ने यह माना भी है कि परीक्षा कराने के हालात नहीं है, बिना परीक्षा के ही छात्रों को प्रमोट कर देना चाहिए। महामारी के इस संकट में एक तो कोई भी अभिवावक अपने बच्चों को घर से परीक्षा देने के लिए भेजेगा नही। इसके अतिरिक्त यूजीसी के इस फैसले के चलते बहुत सारे छात्रों का जान जोखिम में डालेगा तथा कई के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। कई छात्र-छात्राओं की, महामारी के डर एवं साधन के अभाव में परीक्षा छूटेगी। UGC को तत्काल यह फैसला वापस लेना चाहिए। यह फैसला गृह मंत्रालय के कहने पर आया, यह और भी शर्मनाक है, गृह मंत्रालय, कोविड महामारी से कैसे लड़ा जाय, स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे ठीक हो, इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है, औऱ परीक्षा कराने का फैसला देकर छात्रों के भविष्य और जिंदगी को खतरे में डाल रहा है। इस समय अस्पतालों में बेड, एवं इलाज की उचित व्यवस्था का संकट है, डॉक्टर, नर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों के पास स्वास्थ्य उपकरण उपलब्ध नहीं हो मिल पा रहा, वह भी कोविड का शिकार हो जा रहे है। UGC यह फैसला वापस नहीं लेती है तो SFI सभी छात्र समुदाय, जनवादी लोगों, समाज के विभिन्न तबकों को एकजुट करके अभियान चलाएगी। SFI के जिलाध्यक्ष शिवम मौर्य ने कहा कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों को हॉस्टल से निकालने का फैसला पूरी तरह से तानाशाही पूर्ण फैसला है, विश्वविद्यालय प्रशासन को यह समझ में नहीं आ रहा कि महामारी के इस समय मे छात्र कहा जाएंगे। SFI इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा करती है तथा छात्रों को हॉस्टल में रहने देने की मांग करती है। SFI की विश्वविद्यालय इकाई छात्र संघ द्वारा छात्रों को हॉस्टल से न निकालने के प्रदर्शन में शामिल होकर आंदोलन को समर्थन दिया। इस विरोध प्रदर्शन में SFI के राज्य कमेटी सदस्य सुयश, नंदकिशोर, अनिल कुशवाहा, शेखर, रामकृष्ण, DYFI के जिला सचिव अखिल विकल्प समेत कई लोग उपस्थित रहे, प्रदर्शन के दौरान सभी ने मास्क लगाकर शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया।

रिपोर्ट मोहम्मद साबिर

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