कासगंज।उत्तर प्रदेश के कासगंज जिला कोर्ट ने बुधवार को बीएसपी के पूर्व विधायक हसरतउल्ला शेरवानी सहित 9 अभियुक्तों को 10 साल पुराने मामल में दोषी करार देते हुए 7 साल कैद की सजा सुनाई है।बीते दिनों 21 अगस्त को कोर्ट ने इसी प्रकरण में पूर्व विधायक हसरतउल्ला शेरवानी समेत 9 को दोषी करार दिया था और तीन दिन बाद 24 अगस्त को 7 साल की सज़ा का ऐलान किय।सजा के ऐलान के बाद दोषियों को जेल भेज दिया गया।
10 साल पहले 22 मई 2011 को कासगंज जिले के थाना ढोलना की हवालात में तत्कालीन बसपा विधायक हसरतउल्ला शेरवानी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और पुलिसकर्मियों से कहा कि मुल्जिम शमशाद कहां है. शमशाद के हाथ पैर अभी तक किसी ने क्यों नहीं तोड़े. थाने वालों की वर्दी उतरवा दूंगा. यह कहते हुए विधायक हसरतउल्ला शेरवानी व उनके समर्थकों ने एक राय होकर अपनी बंदूकों, लाठी-डंडों से थाना ढोलना की हवालात के गेट पर ही शमशाद पर जानलेवा हमला बोल दिया. समय पर पुलिस ने हस्तक्षेप कर शमशाद को बचा लिया. इस मामले में 14 सितम्बर 2012 को मुकदमा दर्ज हो सका. 21 अगस्त 2021 को कासगंज कोर्ट ने पूर्व विधायक हसरतउल्ला शेरवानी समेत 9 लोगों को उक्त प्रकरण में दोषी करार देकर जेल भेज दिया था. 24 अगस्त 2021 दिन बुधवार को 7 साल की सश्रम सज़ा का ऐलान भी कर दिया.
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