मुख्यमंत्री (CM) योगी आदित्यनाथ लखनऊ ही नहीं कई बार गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में भी जनता दरबार का आयोजन करते हैं। जनता दरबार लगने से जुड़े सभी निर्णय स्वयं योगी लेते हैं। लेकिन इस जनता दरबार में एक बात हमेशा नजर आती है, वह यह कि जब भी सीएम किसी फरियादी से मिलते हैं तो उनके सुरक्षाकर्मी उस फरियादी के कंधे पर हाथ रखे रहते हैं। तो चलिए आपको इस कारण के साथ जनता दरबार और योगी की सुरक्षा से जुड़ी कुछ अनसुनी बाते बताएं।
योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में यूपी की जनता उनसे सीधा संवाद करती है और अपनी समस्याओं को बताती है। योगी के जनता दरबार में फरियादियों के आने के कुछ नियम हैं और इस नियम के बाद एक विशेष बात यह भी है कि जब भी सीएम योगी किसी फरियादी के पास आते हैं तुरंत सुरक्षाकर्मी उस फरियादी के कंधे पर हाथ रखकर खड़े हो जाते हैं।क्यों ? चलिए जानें।
महिला फरियादियों के लिए महिला और पुरष फरियादियों के कंधे पर हाथ रखने के लिए पुरुष सुरक्षाकर्मी होते हैं।
योगी के जनता दरबार के लिए एक खास प्रोसेस होती है। यानी जनता कितनी संख्या में होगी और कैसे जनता यहां तक आ सकती है और जनता दरबार कहां और कब लगेगा आदि।
जनता दरबार में फरियादियों के लिए कुर्सियां लगा कर लाइन से लोगों को बैठाया जाता है। हर फरियादी के पीछे एक सुरक्षाकर्मी होता है।
योगी की जेड प्लस सुरक्षा का एक स्तर बढ़ाते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें सीआईएसएफ कमांडो की टुकड़ी दी है। ये टुकड़ी उनके साथ हमेशा साए की तरह रहती है।
इस सीआईएसएफ कमांडो की टुकड़ी में कम से कम 25 कमांडो होते हैं। ये टुकड़ी फरियादियों के कंधे पर योगी सुरक्षा के लिए हाथ रखती है, ताकि कोई अनहोनी से बचा जा सके।हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बुजुर्ग या महिलाएं उनके पैर या उनके सामने हाथ न जोड़ें इसके लिए सुरक्षाकर्मी कंधे पर हाथ रखते हैं
हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बुजुर्ग या महिलाएं उनके पैर या उनके सामने हाथ न जोड़ें इसके लिए सुरक्षाकर्मी कंधे पर हाथ रखते हैं
योगी का कहना था कि भारतीय संस्कृति में महिलाएं उनकी मां समान होती हैं और वह उनके आगे हाथ जोड़ें या पैर छुएं यह वह पसंद नहीं करते।
बता दें कि जनता दरबार किस दिन होगा और किस टाइम पर होगा, इसका फैसला पूरी तरह से योगी खुद ही करते हैं। दरबार में 50 से 100 लोगों को CM अपने घर बुलाते हैं। लोगों का सेलेक्शन एप्लीकेशन फॉर्म से होता है। इस एप्लीकेशन को सीएम हाउस में बने ऑफिस में जमा करना होता है।
इसके बाद यूपी भर से आई एप्लीकेशन में से प्रॉयर्टी के हिसाब से लोगों को कॉल करके जनता दरबार के लिए बुलाया जाता है। बता दें कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों में मंथ के लास्ट बुधवार को जनता दरबार लगाते थे।
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