उत्तर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक यह गड़बड़ी पूर्वांचल के कुछ जिलों जैसे वाराणसी, गाजीपुर, सोनभद्र, मऊ, जौनपुर, प्रतापगढ़ और बहराइच जैसे जिलों में हुई है। इन जिलों में वैक्सीन तो लगी नहीं मगर सर्टिफिकेट जारी हो गये हैं, आलम ये है कि वैक्सीन लगने और सर्टिफिकेट जारी होने में 1 लाख से ज्यादा का अंतर मिला है। राजधानी लखनऊ मे हुई ऑडिट के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिसके बाद से यूपी के प्रशासनिक अमले में आई
आपको बता दें कि वाराणसी में इस साल 15 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था। अभियान शुरू होने के बाद से 14 दिसंबर तक, स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर 40.99 लाख डोज वैक्सीन लगने का आंकड़ा दर्ज हुआ। मगर स्टॉक से जो वैक्सीन की डोज निकली वो 40.92 लाख थी। यानी 1.07 लाख डोज वैक्सीन की उपयोग नहीं हुआ और सर्टिफिकेट जारी हो गया। आशंका जतायी जा रही है कि बिना वैक्सीन लगे ही सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है।
वैक्सीन का ये फर्जीवाड़ा सबसे ज्यादा प्रतापगढ़ में हुआ, उसके बाद क्रमशः मऊ, बहराइच, सोनभद्र और वाराणसी हैं। इसके अलावा ऑडिट में गाजीपुर और जौनपुर में भी करीब 30-30 हजार डोज का अंतर मिला है।
प्रदेश में बढ़ रही कोविड-19 की दर
आपको बता दें कि यूपी में एक बार फिर से कोविड-19 संक्रमण की दर बढ़ रही है। बीते कुछ दिनों में कोविड-19 संक्रमण की दर बढ़कर 0.013 हो गई है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 10 दिन संवेदनशील है यदि समय रहते लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया तो स्थिति खतरनाक हो सकती
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