दयाशंकर सिंह की राह मुश्किल करेंगी मंत्री स्वाति सिंह..? क्यों पहुंचीं फैमिली कोर्ट..?

योगी सरकार में मंत्री रहीं स्वाति सिंह और उनके पति बलिया से नवनिर्वाचित विधायक दयाशंकर सिंह के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। तलाक का मामला दोबारा खोलने के लिए स्वाति सिंह सोमवार को फैमिली कोर्ट पहुंचीं। चुनाव से ठीक पहले स्वाति सिंह का एक ऑडियो वायरल होने के बाद पति-पत्नी का विवाद चर्चाओं में आ गया था।

इसी के बाद भाजपा ने स्वाति सिंह का टिकट काट दिया और दयाशंकर सिंह को बलिया नगर से मैदान में उतारा। दयाशंकर सिंह चुनाव जीतकर विधायक भी बन गए हैं। उनके मंत्री बनने के भी प्रबल आसार हैं। ऐसे में स्वाति सिंह के फैमिली कोर्ट पहुंचने से दयाशंकर सिंह की राहें एक बार फिर मुश्किल होने की आशंका जताई जाने लगी है।

स्वाति सिंह ने 2012 में दयाशंकर से तलाक लेने की अर्जी कोर्ट में दी थी। लेकिन मंत्री बनने के बाद केस की पैरवी बंद कर दी। 2018 में फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के कोर्ट नहीं पहुंचने पर केस ही बंद कर दिया था।
सोमवार को स्वाति सिंह दोबारा केस खोलने के लिए फैमिली कोर्ट पहुंचीं। उनकी अर्जी पर एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट श्रुति श्रीवास्तव ने आर्डर रिजर्व कर लिया है। अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

फैमिली कोर्ट से बाहर आने पर मीडिया से बातचीत में स्वाति सिंह ने कहा कि 2012 से हमारा विवाद चल रहा है। तलाक की अर्जी पहले से दाखिल की गई है। उसी के सिलसिले में यहां आई थी। तलाक के बाद बच्चों का क्या होगा? इस सवाल पर स्वाति सिंह ने कहा कि बच्चे तो मेरे साथ ही रहेंगे। दयाशंकर सिंह के मंत्री बनने पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? इस सवाल पर स्वाति सिंह ने कहा कि देश में मोदी जी और प्रदेश में योगी जी हैं। ऐसे में किसी महिला का उत्पीड़न नहीं हो सकता है।

अचानक राजनीति में आई स्वाति और मंत्री बनीं
दयाशंकर सिंह ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। तब भाजपा बैकफुट पर आ गई थी और दयाशंकर सिंह को पार्टी से निकाल दिया था। इसी दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित बसपा नेताओं ने दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी।

इसी को मुद्दा बनाते हुए स्वाति सिंह ने मायावती और बसपा नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला दिया था। भाजपा ने स्वाति सिंह की फायरब्रांड इमेज को देखते हुए उन्हें सीधे प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया। फिर 2017 में सरोजनीनगर सीट से प्रत्याशी बनाया। चुनाव जीतने पर मंत्री भी बना दिया था।

विवाद के कारण ही इस बार स्वाति का टिकट काट दिया
भाजपा ने इस बार स्वाति सिंह के बदले पति दयाशंकर को मैदान में उतारा था। दयाशंकर सिंह चुनाव में बलिया से जीते हैं और मंत्री बनने की रेस में हैं। पहले दयाशंकर सिंह और स्वाति लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से चुनाव लड़ने का टिकट मांग रहे थे। एक ही सीट पर पति-पत्नी के दावे पर पार्टी ने स्वाति का टिकट काटकर सरोजनीनगर से राजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जबकि दयाशंकर को बलिया सदर सीट से मैदान में उतारा गया था।

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