इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला,
SC-ST एक्ट के तहत जमानत अर्जी पर सुनवाई की समय सीमा तय की
एससी/एसटी कानून के विभिन्न प्रावधानों पर गौर करने के बाद अदालत ने कहा कि जमानत के संबंध में नोटिस की जानकारी पीड़ित व्यक्ति को देना सरकार का दायित्व है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को व्यवस्था दी कि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति कानून के तहत जमानत की अर्जी या अपील पर एक समय सीमा के भीतर सुनवाई हो. उच्च न्यायालय ने कहा कि इसके लिए सरकारी वकील को इस संबंध में नोटिस जारी होने की तिथि से सात दिन पूरे होने पर संबद्ध पीठ के समक्ष जमानत की अर्जी पेश की जानी चाहिये.
न्यायमूर्ति अजय भनोत की पीठ ने कहा कि जमानत की अर्जी को तेजी से आगे बढ़ाया जाना चाहिए और उचित एवं निश्चित समय सीमा के भीतर सुनवाई के लिए इसे अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए.