कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में चाहे जितना हल्ला मचा हो, बस्तर में नक्सलवाद इससे कम खतरनाक नहीं है। बीते कुछ वर्षों में फोर्स ने नक्सलियों को बैकफुट पर ढकेलने में महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की है। कोरोना की वजह से फोर्स चुप नहीं बैठेगी। स्कूल, कालेज, बाजार सब भले ही बंद हो जाएं। फोर्स की नक्सल विरोधी मुहिम लगातार जारी रहेगी। ऐसा इसलिए कि अगर कोरोना की वजह से ढील दी गई तो उन्हें दोबारा सिर उठाने का मौका मिल जाएगा। तो क्या कोरोना से जवानों को खतरा नहीं है? खतरा तो सभी को है तो जवान कैसे अलग होंगे।
तर्क यह है कि महामारी की हालत में जहां सबसे ज्यादा खतरा होता है वहां जवानों को ही लोगों की मदद के लिए भेजा जाता है। बाढ़, महामारी या दूसरी मुसीबत के मौके पर जवान जान की बाजी लगाकर लोगों की मदद करते हैं।
बस्तर में ऐसे इलाकों में सड़कें बनाई जा रही हैं जिन्हें अब तक कथित तौर पर नक्सलियों का स्वतंत्र इलाका माना जाता था। मानसून के आगमन से पहले सरकार ऐसी सड़कों का अधिकांश काम खत्म कर लेना चाहती है। नक्सल इलाकों में रात में तो काम हो नहीं सकता लिहाजा दिन में पूरी ताकत झोंकी जा रही है।
सड़कों को सुरक्षा देने के लिए जवानों की तैनाती की गई है। बस्तर में आम तौर पर जून के पहले पखवाड़े तक मानसून आ जाता है। इस हिसाब से अब दो महीने का वक्त ही बचा है।
इसी दौरान कोरोना को लेकर हंगामा मचा हुआ है पर फोर्स न सिर्फ सुरक्षा में तैनात रहेगी बल्कि नक्सलियों की तलाश में जंगल में भी उतरेगी। शुक्रवार को भी संभाग के अंदरूनी इलाकों में कैंपों में तैनात जवान सर्च ऑपरेशन पर निकले। गुरुवार को तो दंतेवाड़ा के पल्ली इलाके में मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराने में भी सफल रहे।
कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। सिनैटाइजर का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही अभियान लगातार चल रहा है। सुरक्षाबलों के जवान ऑपरेशन के साथ ही ग्रामीणों को कोरोना के खतरे से आगाह कर रहे हैं। मेडिकल कैंप लगाकर उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।
भीड़ से बचने की सलाह
सुरक्षाबलों को भीड़ से बचने की सलाह दी गई है। इस बीच कैंप में मेडिकल सहायता मांगने आने वाले आदिवासियों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी लेकिन भीड़ को नहीं बुलाया जाएगा। कोरोना को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सर्चिंग के दौरान कोई गांव मिलता है तो जवान ग्रामीणों को स्वच्छता के बारे में बताते हैं। बाहर से आने वालों पर नजर रखी जा रही है।
– नक्सलियों के खिलाफ फोर्स की मुहिम लगातार चलती रहेगी। कोरोना के प्रति जागरूकता की मुहिम भी चलाई जा रही है। मेडिकल कैंप लग रहे हैं पर उसमें भी ज्यादा भीड़ से बचने को कहा गया है। – सुंदराजन पी, आइजी, बस्तर रेंज
रायपुर से इस्तेखार अहमद की रिपोर्ट
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