उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार को कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात लोगों को दोषी करार दिया है। अब 12 मार्च को सभी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।
सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि सेंगर का पीड़िता के पिता की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे उनकी मौत हो गई।
इसके बाद जज ने कुलदीप सेंगर से पूछा कि इस बारे में आप क्या कहना चाहेंगे। इसपर सेंगर ने कहा मैं निर्दोष हूं और फफक कर रो पड़ा। सेंगर अदालत में रहम के लिए जज के सामने गिड़गिड़ाने लगा।
जज ने जवाब में सेंगर से कहा कि आपने टेक्नोलॉजी का अच्छा इस्तेमाल किया है। जज ने यह भी कहा कि यह मामला मेरी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल रहा।
इसके बाद अदालत ने सेंगर को आईपीसी की धारा 304 और 120 बी के तहत दोषी ठहराया है, जबकि चार आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। सेंगर को गैर इरादतन हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया। जबकि साक्ष्यों के अभाव में आरोपी शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, कॉन्सटेबल आमिर खान और शरदवीर सिंह को बरी कर दिया गया।
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