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प्रयागराज अपने स्थलों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है

प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यह शहर न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि शिक्षा, प्रशासन, और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है।

### प्रसिद्ध स्थल:

प्रयागराज अपने धार्मिक स्थलों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। **संगम** यहां का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र स्थल है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का मिलन होता है। यह स्थान हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है और हर 12 साल में यहां कुंभ मेला का आयोजन होता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है। इसके अलावा, प्रत्येक वर्ष माघ मेला भी संगम के तट पर आयोजित होता है, जो लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

**आनंद भवन** एक और प्रमुख स्थल है, जो नेहरू परिवार का पूर्व निवास स्थान था। यह अब एक संग्रहालय है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को दर्शाने वाले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और वस्तुएं यहां संरक्षित हैं। आनंद भवन के पास ही **स्वराज भवन** भी स्थित है, जो मोतीलाल नेहरू द्वारा बनवाया गया था और जहां जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था।

प्रयागराज में **खुसरो बाग** भी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। यह एक सुंदर मुगल गार्डन है, जिसमें खुसरो मिर्जा, जो कि अकबर के पुत्र थे, की मकबरा स्थित है। खुसरो बाग में मुगल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलता है।

**इलाहाबाद किला** एक और ऐतिहासिक स्थल है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। इसे मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था और यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित एक स्मारक है। किले के भीतर पातालपुरी मंदिर और अक्षयवट वृक्ष स्थित हैं, जिनका धार्मिक महत्व है।

शहर में **चन्द्रशेखर आजाद पार्क** भी प्रमुख स्थल है, जहां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धा चंद्रशेखर आजाद ने अपने प्राण त्यागे थे। इसे पहले अल्फ्रेड पार्क के नाम से जाना जाता था।

### प्रसिद्ध भोजन:

प्रयागराज का खाना उसके सांस्कृतिक मिश्रण का प्रतीक है। यहां के लोग स्वादिष्ट और पारंपरिक उत्तर भारतीय भोजन का आनंद लेते हैं।

**कचौड़ी-सब्जी** प्रयागराज का एक बहुत ही लोकप्रिय नाश्ता है। सुबह-सुबह यहां के स्थानीय बाजारों में कचौड़ी की दुकानों पर भीड़ देखने को मिलती है। इसे मसालेदार आलू की सब्जी और चटनी के साथ परोसा जाता है, जो यहां के लोगों की पसंदीदा है। इसके अलावा, **जलेबी** यहां की एक और प्रसिद्ध मिठाई है, जिसे लोग नाश्ते में खाना पसंद करते हैं।

**आलू-टमाटर का चोखा** भी यहां का एक खास व्यंजन है, जो विशेष रूप से पूड़ी या कचौड़ी के साथ खाया जाता है। यह साधारण लेकिन स्वादिष्ट डिश प्रयागराज की विशेष पहचान है।

प्रयागराज की **लस्सी** भी बहुत मशहूर है। इसे मिट्टी के कुल्हड़ में परोसा जाता है, जो इसे और भी स्वादिष्ट बना देता है। गर्मियों में ठंडी लस्सी पीना यहां के लोगों का पसंदीदा शौक है।

शहर की मिठाइयों में **इमर्ति**, **रबड़ी**, और **गुजिया** विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इनका स्वाद अनोखा होता है और यह यहां की स्थानीय मिठाई की दुकानों में आसानी से मिल जाती हैं।

### प्रमुख कार्य और व्यवसाय:

प्रयागराज शिक्षा, प्रशासन और न्यायिक क्षेत्र का एक प्रमुख केंद्र है। यहां **इलाहाबाद उच्च न्यायालय** स्थित है, जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के लिए न्यायिक मामलों का निपटारा करता है। इस उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक महत्व है और यह भारतीय न्यायपालिका का एक महत्वपूर्ण अंग है।

शहर में **इलाहाबाद विश्वविद्यालय** भी स्थित है, जिसे ‘पूर्व का ऑक्सफोर्ड’ कहा जाता है। यह विश्वविद्यालय भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, जहां से कई प्रतिष्ठित विद्वान और नेता निकले हैं। यहां की शिक्षा व्यवस्था और अकादमिक माहौल पूरे देश में प्रसिद्ध है।

प्रयागराज का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र **कृषि** है। यहां की उपजाऊ भूमि पर धान, गेहूं, सरसों और गन्ने जैसी प्रमुख फसलों की खेती की जाती है। यहां के किसान आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग कर अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा रहे हैं।

इसके अलावा, प्रयागराज में **हथकरघा उद्योग** भी एक महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्र है। यहां के बुनकर पारंपरिक भारतीय वस्त्रों, जैसे कि साड़ी और दुपट्टे, का निर्माण करते हैं, जो देशभर में लोकप्रिय हैं। इन वस्त्रों में प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कला की झलक मिलती है।

शहर में **प्रकाशन और प्रिंटिंग** उद्योग भी बहुत विकसित है। यहां कई प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है, जो उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में पढ़े जाते हैं। इसके साथ ही, प्रयागराज में कई बड़े सरकारी और निजी प्रकाशन घर भी स्थित हैं, जो शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान देते हैं।

### सांस्कृतिक गतिविधियां और आयोजन:

प्रयागराज में **कुंभ मेला** का आयोजन विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो हर 12 साल में संगम पर आयोजित होता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु और संत भाग लेते हैं। कुंभ मेले के दौरान शहर में विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

इसके अलावा, शहर में **माघ मेला** भी हर साल संगम पर आयोजित होता है, जो एक महीने तक चलता है। इस दौरान श्रद्धालु संगम में स्नान कर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। यह मेला प्रयागराज की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रयागराज में **कला और साहित्य** का भी गहरा संबंध है। यहां कई साहित्यिक कार्यक्रम, जैसे कि कवि सम्मलेन, मुशायरे और नाटक, आयोजित होते हैं, जो शहर की सांस्कृतिक जीवंतता को दर्शाते हैं। प्रयागराज ने हिंदी साहित्य को भी कई महान लेखक और कवि दिए हैं, जैसे कि महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, और फिराक गोरखपुरी।

### निष्कर्ष:

प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक ऐसा शहर है, जो अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यहां के प्रसिद्ध स्थल, पारंपरिक भोजन, और विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियां इस शहर को अद्वितीय बनाती हैं। प्रयागराज का महत्व न केवल इतिहास और संस्कृति में बल्कि आधुनिक भारत के विकास में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहां की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक आस्था, और शैक्षणिक परंपरा इस शहर को देश के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक बनाती है।

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