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  • महिला की हत्या के मामले में भेड़ को सुनाई गई 3 साल की सज़ा, सींग से मारकर उतारा था मौत के घाट,देखे मालिक का क्या हुआ

    आज हम आपको एक ऐसी ही सच्ची खबर बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर कुछ पल के लिए आपको अपने कानों पर विश्वास ही नहीं होगा आपने गुनहगारों को सजा पाते हुए कई बार देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी जानवर को जेल जाते देखा है।  अगर नहीं तो जान लीजिए कि अफ़्रीका में एक महिला को बेरहमी से घायल कर मार डालने के मामले में भेड़ को 3 साल की सजा सुनाई गई है।इस विचित्र सजा को सुनाने से पहले भीड़ को लगभग 1 हफ्ते तक हिरासत में भी रखा गया था


    हत्यारे भेड़ को हुई 3 साल की सज़ा
    हत्या के आरोप में इंसानों को तो आपने सजा पाते हुए कई बार देखा होगा, लेकिन किसी जानवर को मर्डर करने के जुर्म में 3 साल की कैद का मामला शायद आपके सामने पहले कभी नहीं आया होगा. सोशल मीडिया पर इन दिनों एक भेड़ के 40 साल की महिला को बेरहमी से पीटकर मार डालने के मामले में 3 साल की सजा सुनाए जाने की खबर तेजी से वायरल हो रही है।बताया जा रहा है कि दक्षिण सूडान में महिला को हत्यारे भेड़ ने बेरहमी से पीटा, जिसके बाद भेड़ को ये अनोखी सजा सुनाई गई. खबरों के मुताबिक, भेड़ अपनी सींगों से महिला पर तब तक हमला करता रहा, जब तक उसकी पूरी पसलियां टूट नहीं गईं. इसके बाद जब महिला बेहोश हो गई, तो फिर भेड़ वहां से उसे छोड़कर चला गया और इतनी गहरी चोटों के कारण महिला ने अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ दिया

    इसके साथ ही महिला की मौत के मामले में भेड़ के मालिक को भी सजा सुनाई गई है मालिक को पीड़ित के परिवार को पांच गायों का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया।

  • Azam Khan: झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं…आजम खान की रिहाई पर किया ट्वीट और तो ट्रोल हो गए अखिलेश यादव,लोगो ने कही ये बात देखे खबर

    Azam Khan: झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं…आजम खान की रिहाई पर किया ट्वीट और ट्रोल हो गए अखिलेश यादव


    लंबे समय से यूपी के राजनीतिक गलियारों में आजम खान और अखिलेश यादव के बीच नाराजगी की खबरें तैर रही हैं। इस बीच, आजम खान दो साल से ज्‍यादा वक्‍त बिताने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हो चुके हैं। इस मौके पर सपा का कोई बड़ा नेता उन्‍हें रिसीव करने जेल नहीं पहुंचा। अखिलश यादव ने ट्वीट कर जरूर आजम की रिहाई का स्‍वागत किया है। इस पर ट्विटर पर लोगों ने जमकर मजे लिए हैं।
    लखनऊ: समाजवादी पार्टी से नाखुश बताए जा रहे कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) दो साल से ज्‍यादा समय बिताने के बाद शुक्रवार सुबह सीतापुर जेल से रिहा हो गए।

    उन्‍हें रिसीव करने प्रसपा अध्‍यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) तो पहुंचे पर सपा का कोई बड़ा नेता नहीं नजर आया। हालांकि, सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर जेल से रिहा होने पर आजम खान का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने भरोसा जताया कि आजम जल्‍द ही सभी झूठे मुकदमों से बरी हो जाएंगे। अखिलेश के इस ट्वीट पर लोगों ने जमकर मजे लिए हैं


    अपने ट्वीट में अखिलेश ने लिखा है- ‘सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक आजम खान के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं। पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुकदमों में बाइज्‍जत बरी होंगे। झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं

    उसके बाद सोसल मीडिया पर लोगो ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी

    अखिलेश के ट्वीट पर आर्यन यदुवंशी नाम के यूजर ने लिखा है- ‘श्रीमान जी हम आपसे पूर्ण रूप से सहमत है किन्तु आपसे एक उम्मीद थी जब माननीय आज़म खान साहब सरकारी यातना से मुक्त होंगे और जेल से बाहर आएंगे तो आप पहले व्यक्ति होंगे जो खान साहब का स्वागत करेगा परंतु आपको राजनीति भी एसी कमरे से करनी है कम से कम नेताजी की विरासत को सही रूप से बढ़ाओ

    काजी हम्‍माद ने लिखा है- ‘आप भी अब आराम करना अध्यक्ष जी। आपने जो संघर्ष किया सड़कों पर, उसकी थकावट अभी नहीं गई होंगी और पूरा देश और प्रदेश आपका शुक्रिया अदा करता है कि आपने अपनी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और वो नेता जिसने आपके लिए और आपकी पार्टी के लिए इतना किया तो आपका इतना करना जरूरी 

    एक अन्‍य यूजर ने लिखा- ‘आजम खान साहब को लेने शिवपाल यादव सीतापुर जेल पहुंच गए, पर आप AC मे बैठ कर ट्वीट कर रहे है। आजम खान साहब से उनके घर मिल कर आइये वरना अपनी राजनीति खत्म ही समझिये

  • मथुरा में शाही ईदगाह को हटाने की मांग वाली याचिका मंजूर, शुरू होगा मुकदमे का ट्रायल,देखे ख़बर

    मथुरा के श्री कृष्ण जन्मस्थान ईदगाह प्रकरण में जिला जज राजीव भारती की अदालत के द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को स्वीकार कर लिया है। वाद की स्वीकारोक्ति को लेकर पिछले करीब डेढ़ साल से जिला जज की अदालत में रिवीजन में सुनवाई चल रही थी। आज जिला जल की अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। इस मामले में डीजीसी शिवराम तरकर ने बताया कि याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। जिला जज अब किस कोर्ट को सुनवाई के लिए यह प्रकरण देंगे, अभी फैसला नहीं लिया गया है

    सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.3 7 एकड़ जमीन पर दावा किया गया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि यह जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान की है और जहां पर शाही ईदगाह खड़ी है, वहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान और मंदिर का गर्भ ग्रह है। वाद की पैरवी करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि न्यायालय ने बहस के बाद संबंधित निर्णय को रिजर्व कर लिया गया है। बृहस्पतिवार को निर्णय दिया गया।


    वाद किया था पेश
    अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री द्वारा अदालत में पेश वाद में शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को श्री कृष्ण विराजमान की संपत्ति माना है और उन्होंने अदालत से कहा है कि यह संपत्ति श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपी जानी चाहिए। वह खुद श्रीकृष्ण विराजमान की भक्त बन कर सामने आई हैं। अदालत में सबसे पहले इस संबंध में वाद पेश करने वाली सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता द्वारा पूर्व में श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट तथा शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित पदाधिकारियों के बीच में समझौते को गलत बताया।


    5 मई को हुई थी बहस
    5 मई को वादी की ओर से अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन तथा अन्य द्वारा जिला जज की अदालत में बहस की गई। शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी अदालत में अपना पक्ष रखा। दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद जिला जज राजीव भारती ने निर्णय को रिजर्व करते हुए निर्णय के लिए 19 मई तय की थी। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अदालत में हमने अपना पक्ष रखा है

  • Azam Khanआखिर आजम खान को मिल ही गई राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत,जाने किस शर्त पर मिली बेल,देखे ख़बर

    समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में करीब 26 महीने से बंद आजम खान अब जेल से बाहर आ सकते हैं।


    समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है।गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान की जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और सामान्य जमानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी होगी।

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल कोर्ट से रेगुलर बेल मिलने तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा।गौरतलब है कि 80 से अधिक मामलों में आजम खान पिछले 26 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं। वह एक केस में जमानत लेते तो दूसरा केस दायर हो जाता इसके बाद आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां मंगलवार को सुनवाई हुई थी।

    11:33 AM सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए आजम खान को अंतरिम जमानत दी है।आजम खान को ट्रायल कोर्ट से अब तक 88 मामलों में जमानत मिली थी। लेकिन 89वें मामले में जमानत को लेकर ट्रायल शुरू होना था।इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने संवैधानिक पॉवर का इस्तेमाल करके अंतरिम जमानत दे दी


    11:29 AM सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान को अंतरिम जमानत देने की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और सामान्य जमानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी होगी।वहां से रेगुलर बेल मिलने तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा।

    11:25 AMसुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी है यह जमानत 89वें मामले में दी गई है इससे पहले आजम खान को 88 मामलों में जमानत मिल चुकी है

    10:45 AM आजम खान की जमानत पर फैसला करने वाली पीठ बैठ चुकी है. बस थोड़ी देर में फैसला सुनाया जाएगा।

    यूपी सरकार ने किया था जमानत का विरोध

    मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल राजू ने आजम खान की जमानत का विरोध किया था।

    इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप ऐसा नहीं कर सकते राजू. बेल अलग मामला है और इसके बाद जेल अलग मामला कोर्ट ने ये भी पूछा कि क्या उन मामलों में जमानत दी गई थी? इस सवाल पर असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि हां, लेकिन वह आदतन अपराधी है. जमानत नहीं दिए जाने का ये एक आधार है


    कपिल सिब्बल ने रखी थी ये दलीलें

    असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल ने ये आरोप भी लगाया था कि आजम खान ने पूछताछ करने गए जांच अधिकारी को भी धमकी दी थी।आजम खान की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में एक ही शिकायतकर्ता ने पूरक शिकायत की है।. आगे की जांच के लिए कोर्ट की ओर से मंजूरी नहीं दी गई है।वे खुद ही जांच कर रहे हैं जबकि ये केस 13 साल बाद दर्ज हुआ है।ये क्या हो रहा है? आजम खान के वकील ने ये भी कहा कि हम स्कूल नहीं चलाते।हमने कुछ भी नहीं किया

    सरकार के वकील ने कहा- आजम खान भूमाफिया हैं

  • सपा नेता को सोसल मीडिया पर लीची की फ़ोटो डालना पकड़ा भारी पुलिस ने किया गिरफ्तार आरोप है की हिन्दू समाज की भावना आहत हुई

    मुजफ्फरनगर। लीची को छील कर हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने वाली आपत्तिजनक पोस्ट फेसबुक पर डाल दी गई। इससे हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया। उन्होंने कोतवाली पहुंच कर नाराजगी जताते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की। शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी सपा लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश सचिव को गिरफ्तार कर लिया।

    इसी पोस्ट से मोहसीन अंसारी हुए गिरफ्तार


    मंगलवार सुबह फेसबुक पर एक पोस्ट शहर में तेेजी के साथ वायरल हुई। पोस्ट लीची को लेकर थी। लीची को छीलकर फेसबुक पर डाली पोस्ट जिसमे लिखा कि लीची की भी जाँच होनी चाहिए बस उसके बाद फिर क्या हिंदू समाज की भावनाएं आहत हो रही थीं।


    एसएसपी अभिषेक यादव ने सर्विलांस व साइबर सेल टीम को सक्रिय कर आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले युवक को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। एक साथ तीन टीम आरोपी युवक की तलाश मेें लग गईं। पता चला कि आरोपी युवक सपा लोहिया वाहिनी का पूर्व प्रदेश सचिव है। पुलिस ने एकता विहार कॉलोनी शहाबुद्दीनपुर निवासी मोसीन अंसारी पुत्र नफीस अहमद को गिरफ्तार कर लिया। सीओ सिटी कुलदीप सिंह ने बताया कि इस मामले में किदवईनगर पुलिस चौकी प्रभारी जितेंद्र सिंह ने जांच के बाद आरोपी मोसीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उसका चालान कर दिया है, पोस्ट डालने में प्रयुक्त मोबाइल भी बरामद कर लिया है

  • खेल दिखाते दिखाते अचानक चली गयी कलाकार की जान,उसके बाद क्या हुआ देखे ख़बर

    खेल दिखाते दिखाते अचानक चली गयी कलाकार की जान

    कौशाम्बी। मंझनपुर कचहरी और विकासखंड परिसर में खेल दिखाकर आम जनता की भीड़ एकत्रित कर परिवार का जीविकोपार्जन चलाने वाले एक अधेड़ की मंगलवार को खेल दिखाते दिखाते अचानक जान चली गई है लोगों ने आशंका जताई है कि उसे हार्टअटैक का दौरा पड़ा है जिससे उसकी मौत हो गई है सूचना पाकर मौके पर मंझनपुर कोतवाल पहुंचे हैं और खेल दिखाने वाले कलाकार के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है

  • यूपी कैबिनेट: आलिया स्तर की मान्यता प्राप्त मदरसों को अब नहीं मिलेगा अनुदान,जाने के वज़ह

    यूपी कैबिनेट,आलिया स्तर की मान्यता प्राप्त मदरसों को अब नहीं मिलेगा अनुदान


    उत्तर प्रदेश सरकार अब वर्ष 2003 तक के आलिया स्तर की स्थाई मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान नहीं देगी। मंगलवार को इस बारे में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय की ओर से आए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई


    उत्तर प्रदेश सरकार अब वर्ष 2003 तक के आलिया स्तर की स्थाई मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान नहीं देगी। मंगलवार को इस बारे में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय की ओर से आए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। प्रस्ताव में कहा गया है कि वर्ष 2003 तक के मदरसों को स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों की अनुदान सूची पर लिए जाने की नीति को समाप्त कर दिया गया है।

    इसी क्रम में न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मऊ के रहीमाबाद स्थित मदरसा इस्लामिया सफीनतुल हैदाया को अनुदान सूची पर लिए जाने का भी निर्णय लिया गया है। गोरखपुर के पीपीगंज स्थित मदरसा नूरिया खैरिया बगही भारी के प्रबंधन प्रत्यावेदन के निस्तारण के बारे में भी कैबिनेट से मंजूरी ली गई