उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने राज्यसरकार की तरफ से दी गई अय़ोध्या के रौनाही में दी गई 5 एकड़ जमीन को लेने का फैसला ले लिया.. उश जमीन पर ट्रस्ट बनाकर मस्जिद के साथ कई दूसरी चीजों के निर्माण की बात बोर्ड ने कही है.. लेकिन कल की बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया लिया गया और वो फैसला था बाबरी मस्जिद को अपने सरकारी अभिलेखों से हटाने का..सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर फारूकी ने न्यूज़ 18 को बताया कि सोमवार को बोर्ड की बैठक के बाद 26 फैज़ाबाद वक्फ को अपने सरकारी अभिलेखों से डिलीट कर दिया है, उन्होंने बताया कि मिडिएशन कमेटी में कोई हल न निकलने के बाद से सुन्नी बोर्ड कहता आ रहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा सम्मान करेगा और बोर्ड आज भी अपने उसी स्टैंड पर कायम है.. आपको बताते चलें कि 26 फैजाबाद नाम के इस वक्फ को बोर्ड में 76 साल पहले यानि 1944 में दर्ज किया गया था.. 1944 में तत्कालीन सरकार के वक़्फ़ सर्वे कमिश्नर ने सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड में 26 फैज़ाबाद नाम की वक्फ को दर्ज कराया था.. वक़्फ़ बोर्ड ने सोमवार को हुई बैठक में अयोध्या के रौनाही में 5 एकड़ जमीन लेने के निर्णय के बाद अब 26 फैज़ाबाद नाम से दर्ज वक़्फ़ संपत्ति बाबरी मस्जिद को डिलीट करने का फैसला किया.. हालांकि बोर्ड इस फैसले से पहले इस पूरे मामले को अपने विधि विशेषज्ञों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का गहन अध्धयन कराया.. और फिर कानूनी विशेषज्ञों से राय मिलने के बाद बोर्ड ने रौनाही में 5 एकड़ जमीन लेने पर सहमति बनने के बाद 26 फैज़ाबाद को अपने बही खाते से डिलीट कर, मंदिर-मस्जिद विवाद को पूरी तरह से खत्म कर दिया है.. वक़्फ़ बोर्ड ने 9 नवम्बर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले और 5 फरवरी को उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट द्वारा अयोध्या के रौनाही इलाके में सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने के फैसले का ज़िक्र किया था.. सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड 26 फैज़ाबाद के नाम से दर्ज बाबरी मजीद को अपने अभिलेखों से डिलीट करने के बाद अब इसके डिलीट प्रमाण पत्र सुप्रीम कोर्ट को देगा साथ ही वक़्फ़ 26 फैज़ाबाद का डिलीट प्रमाण पत्र केंद्र और प्रदेश सरकार को भी दिया जाएगा..