आज कल अफ़वाहों का दौर चल रहा है, वह कहावत है ना कि ” कौव्वा कान ले गया” अब कान किसी ने नहीं देखा कौव्वे को सबने दौड़ा लिया।आज दिन में लोगों की निगाह चाँद पर पड़ी जो दोपहर के करीब पूरब की दिशा में बिल्कुल ऊपर की तरफ था, अब लोगों को लगा कि चाँद दिन में निकला है और वह भी उल्टा, लोगों ने फोन कर के एक दूसरे को बताना शुरू कर दिया और अफवाहों का बाज़ार गरम हो गया कि चाँद उलटा निकला है, अब इस में दोष चाँद का क्या, दोष तो लोगों की निगाहों का है।सच्चाई यह है कि_चाँद दिन में भी रहता है और सूरज की रोशनी हल्की होने पर कभी पूरा कभी आधा दिखाई देता है, और पश्चिम से निकलता है तो ऐसे में जब पूरब की दिशा में होगा तो हमें उलटा ही नज़र आएगा, हम पूरब में हों और चाँद पश्चिम में तो चाँद सीधा नज़र आएगा और जब हम पश्चिम में हों और चाँद पूरब में तो चाँद उलटा ही दिखाई देगा।
अफवाहों पर ध्यान ना दें सब कुछ अपने नियमानुसार ही है।
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