18 वर्षीय गणपतराम की मौत पर परिवार दुखी था, लोगों ने गेहूं की फसल काट कर पेश की मिसाल।

जोधपुर (राजस्थान)। फसल काटते यह हाथ एक परिवार पर आई विपत्ति के समय आगे बढ़ रहे हैं। मकसद दुख की घड़ी में इस परिवार के साथ खड़े रहने का है। दरअसल, दयाकौर गांव निवासी भूरालाल पालीवाल के 18 वर्षीय बेटे गणपतराम की मौत चार दिन पहले रायपुर छत्तीसगढ़ में हो गई थी। वह वहां फर्नीचर का काम करने वाले अपने भाई से मिलने गया था।

एकाएक पेट दर्द से तबीयत बिगड़ी और सांसें छूट गई। खेती बाड़ी और घर की जिम्मेदारी उठाने वाला एकाएक आंखों से ओझल हो गया। ग्रामीणों व रिश्तेदारों ने जैसे-तैसे परिवार को संभाला। मगर, खेत में गेहूं और जीरे की फसल पक चुकी थी। इधर, मौसम विभाग ने भी चार दिन अंधड़ व बारिश की चेतावनी जारी की।ऐसी स्थिति में शोक जताने आने वाले लोगों ने ही तय किया कि वे फसल लेने में मदद करेंगे। शनिवार को करीब 100 ग्रामीण खेत में फसल काटने में जुटे। दोपहर तक 10 बीघा में खड़ी जीरा व गेहूं की फसल को इकट्ठा कर दिया। परिवार को जब 100 लोग खेत में काम करते दिखे तो सभी रोने लगे।

पुत्र के आकस्मिक निधन पर पूरा परिवार दुखी था, शोक मनाने पहुंचे लोगों ने देखा कि इस परिवार के खेत में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो चुकी है, लेकिन दुख में डूबे परिवार उसे काट नहीं पा रहा है तो शोक प्रकट प्रकट करने पहुंचे लोगों ने ही फसल काटकर और उसे थ्रेसर से मड़ाई करके देश के सामने एक उत्कृष्ट उदाहरण दिया है कि किसी शोकग्रस्त परिवार की हम ऐसे भी मदद कर सकते हैं।

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