कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है वहीं कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, गर्मियों के मौसम में हर साल ठंडक देने वाले उपकरणों का कारोबार करोड़ों रुपए का है,साथ ही इस कारोबार से सैकड़ों मजदूर जुड़े हुए हैं,लॉक डाउन के चलते जहां लोग पंखे कूलर नहीं खरीद रहे हैं,वहीं समय बीतने के साथ दुकानदारों के माथे पर शिकन बढ़ती जा रही है
गर्मियों के सीजन मे बाजार में ठंडक देने वाले उपकरणों का कारोबार काफी ज़्यादा होता है,पंखे कूलर कारोबारियों के लिए मार्च से जून तक का महीना सबसे अहम होता है,इस साल मार्च के महीने के आखिरी में कोरोना संकट के चलते लॉक डाउन लागू हो गया जिससे कारोबारी परेशान है. कारोबारियों ने गर्मियों के सीजन के लिए कई महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी,और बड़े पैमाने पर कूलर बनाना शुरू कर दिए थे, कारोबार के लिए कारोबारियों ने बैंक से लोन लेने के साथ लोगो से कर्जा भी लिया था लेकिन इस साल अभी तक एक भी कूलर की बिक्री शुरू नहीं हो पाई है,कूलर न बिकने ने से जहां कारोबारी परेशान है,वहीं उनके समान साल भर की चिंता बनी हुई है!
मुरादाबाद जनपद के देहात क्षेत्र स्थित गांवों में स्थानीय निवासी बड़े पैमाने पर कूलर तैयार करते हैं और यहाँ ज्यादातर घरों में कूलर बनाये जाते हैं,कारोबारियों के घर में तैयार कूलर का स्टॉक रखा हुआ है,लेकिन खरीदार दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं,लॉक डाउन से कारोबारी तैयार कूलरों को दुकान तक नहीं ले जा सकते और कूलर तैयार करने वाले मजदूर घरों में खाली बैठे हैं,कारोबारियों की परेशानी यह भी है.कि अगर लॉक डाउन आगे बढ़ता है,तो जून में बारिस शुरू हो जाएगा और उसके बाद कूलर बिक्री के लिए अगले साल का इंतजार करना पड़ेगा,ज्यादातर कारोबारी कर्ज चुकाने और परिवार के पालन पोषण को लेकर चिंतित हैं!
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