रमज़ान को लेकर गाइडलाइन्स आ गईं हैं। हम मुसलमान इस महामारी में राज्यों एवं केंद्र सरकार के साथ हैं। प्रशासन के साथ हैं। जो इन बातों को न माने उसके साथ कड़ाई से पेश आएं।
जो इन बातों को न माने उसके साथ कड़ाई से पेश आएं।
रमज़ान के दिनचर्या के बारे में सामुदायिक संगठनों और प्रतिनिधियों की अपील
नयी दिल्ली ।
देश में लॉकडाउन की मुद्दत में अतिरिक्त विस्तार दी गयी है। इस अवधि में धार्मिक इबादतगाहों में लोगों के जमा होने पर पाबंदी बरक़रार रखी जाएगी। मुसलमानों ने लॉकडाउन पर अमल किया है। यहां तक कि अनचाहे मस्जिदों में पांच समय की नमाज़ और जुमा की नमाज़ों को सीमित रखा गया है। अब अप्रैल 2020 के अंतिम सप्ताह से रमज़ान का महीना आरंभ हो रहा है। यह मुसलमानों के लिए बहुत पवित्र महीना है जिसमें वे इबादतों की विशेष व्यवस्था करते हैं। लॉकडाउन में पवित्र रमज़ान की दिनचर्या से संबंधित देश के धार्मिक एवं सामुदायिक संगठनों के अधिकारियों और विशिष्ठ व्यक्तित्वों की ओर से अपील जारी की जा रही है। उम्मीद है कि इन पर अमल किया जाएगा। अपील में कहा गया है कि:
कोरोना से सुरक्षा के पेशेनज़र जिस तरह अब तक अमल होता रहा है कि मस्जिदों में अज़ान दी जा रही है और कुछ लोग (मस्जिद के प्रबंधक) जमाअत के साथ नमाज़ अदा कर रहे हैं बाकी लोग अपने घरों में ही नमाज़ अदा कर रहे हैं यही दिनचर्या रमज़ान में भी जारी रहे।
बिना किसी शरयी उज्ऱ (धार्मिक मजबूरी) के रोज़ा न त्यागा जाए। लोग अपने घरों में ही सेहरी और इफ्तार करें और और इफ्तार पार्टियों और दावतों से बचें।
तरावीह की नमाज़ का प्रबंध भी घरों में रह कर ही व्यक्तिगत या सामूहिक तौर पर घरवालों के साथ किया जाए। पास पड़ोस के घरों से लोगों को जमा करने की कोशिश न की जाए।
लोग रमज़ान में बाज़ारों में जाने से यथासंभव बचें। खासतौर पर इफ्तार से पहले खरीदारी की भीड़ से बचें। रमज़ान की रातों में इधर उधर घूमने से सख्ती से परहेज़ किया जाए।
अधिक से अधिक पवित्र कुरआन का पाठ करने के साथ उसे समझने की भी कोशिश की जाए। इसके लिए किसी अनुदित कुरआन और कुरआन की व्याख्या की मदद ली जाए और कोई धार्मिक किताब पढ़ी जाए।
रमज़ान के महीने में रिश्तेदारों पड़ोसियों और ज़रूरतमंदों की विशेषतौर से मदद की जाए और अधिक से अधिक खैरात किया जाए। अल्लाह से दुआ है कि वह यथा शीघ्र इस महामारी का अंत करे। आमीन!
द्वारा जारी
मीडिया प्रभाग, जमाअत इस्लामी हिन्द
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