आज लग रहा है साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए भारत में कहां दिखेगा और ग्रहण का समय

आज लग रहा है साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए भारत में कहां दिखेगा और ग्रहण का समय

किसी भी ग्रहण को धार्मिक और खगोगीय दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण घटना माना जाता है. साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई 2021 को बुधवार के दिन लगने जा रहा है. इसी दिन वैशाख मास की पूर्णिमा है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है

ये चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा चंद्र ग्रहण दोपहर 02 बजकर 17 मिनट पर लगेगा और शाम 07 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा जानिए इस चंद्र ग्रहण से जुड़ी खास बातें।

1  भारत में कहां दिखेगा ग्रहण के समय भारत के ज्यादातर हिस्सों में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा, इसलिए भारत के लोग इसे नहीं देख पाएंगे. हालांकि भारत के पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, असम और मेघालय समेत बंगाल और पूर्वी उड़ीसा में ये ग्रहण आंशिक रूप से कुछ मिनट के लिए दिख सकता है.

2 सूतक काल चूंकि भारत में इस ग्रहण को उपच्छाया चंद्र ग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा. इस वजह से चंद्र ग्रहण से 9 पहले लगने वाला सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा.

3 विदेश में कहां दिखेगा ये चंद्र ग्रहण अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के कुछ क्षेत्रों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. देशों की बात करें तो ये ग्रहण जापान, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, सिंगापुर, बर्मा, फिलीपींस और उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका में दिखाई देगा.

4 क्या है उपछाया चंद्र ग्रहण :ल ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है. जब ये पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर आ जाता है, तो इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. उपछाया ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह गायब नहीं होता, थोड़ा मलिन होकर धुंधला हो जाता है. लेकिन जब ये पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश कर जाता है तो पूरी तरह गायब हो जाता है. तब इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है.

6  ग्रहण को लेकर धार्मिक मान्यता : धार्मिक मान्यता के अनुसार राहु और केतु समय-समय पर चंद्रमा और सूर्य पर हमला करते हैं. जब ये सूर्य और चंद्रमा को जकड़ लेते हैं तो उस समय सूर्य और चंद्रमा कमजोर पड़ जाते हैं और ग्रहण लग जाता है.इस दौरान वायुमंडल वायुमंडल में नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. इस कारण धार्मिक ग्रंथों में ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही है.

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