UPSC: नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट (Dm) और पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एल यतिराज ने 2 सितंबर को टोक्यो पैरालंपिक के मेंस सिंगल्स में एसएल4-ग्रुप ए मैच में जर्मनी के जान निकलास पोट को हरा दिया है। सुहास, जो टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के पहले सिविल सेवक बन गए हैं। आइये जानते हैं सुहास एल यतिराज के बारे में-
कभी-कभी हम अपनी कमजोरी को बहाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो कभी हम जीवन में अपनी असफलताओं को किस्मत का दोष देते है। कुछ ही लोग होते हैं जो अपनी खामियों को ताकत में बदल सकते हैं, उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा का काम कर सकते हैं।
ऐसे ही एक नाम है सुहास लालिनाकेरे यथिराजी की, जिन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक UPSC Exam को पास कर IAS अधिकारी बने। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर एक नया मुकाम भी हासिल किया है।
सुहास लालिनाकेरे यतिराज एक भारतीय प्रोफेशनल पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वह उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के एक आईएएस अधिकारी भी हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता की बात की जाए तो उन्होंने 2004 में कर्नाटक के सुरथकल में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग स्ट्रीम में डिग्री प्राप्त की।
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UPSC: बीजिंग में 2016 एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में, सुहास एलवाई प्रोफेशनल अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय ब्यूरोक्रेट बने।
UPSC: नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट (Dm) और पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एल यतिराज ने 2 सितंबर को टोक्यो पैरालंपिक के मेंस सिंगल्स में एसएल4-ग्रुप ए मैच में जर्मनी के जान निकलास पोट को हरा दिया है। सुहास, जो टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के पहले सिविल सेवक बन गए हैं। आइये जानते हैं सुहास एल यतिराज के बारे में-
कभी-कभी हम अपनी कमजोरी को बहाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो कभी हम जीवन में अपनी असफलताओं को किस्मत का दोष देते है। कुछ ही लोग होते हैं जो अपनी खामियों को ताकत में बदल सकते हैं, उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा का काम कर सकते हैं।
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ऐसे ही एक नाम है सुहास लालिनाकेरे यथिराजी की, जिन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक UPSC Exam को पास कर IAS अधिकारी बने। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर एक नया मुकाम भी हासिल किया है।
सुहास लालिनाकेरे यतिराज एक भारतीय प्रोफेशनल पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वह उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के एक आईएएस अधिकारी भी हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता की बात की जाए तो उन्होंने 2004 में कर्नाटक के सुरथकल में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग स्ट्रीम में डिग्री प्राप्त की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी खुद को विकलांग नहीं माना और इसके लिए उन्होंने अपने माता-पिता को श्रेय दिया। अभी वो नोएडा के DM हैं। उन्होंने मार्च 2018 में वाराणसी में आयोजित दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में मेंस सिंगल कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह राष्ट्रीय चैंपियन बने थे।
बीजिंग में 2016 एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में, सुहास एलवाई प्रोफेशनल अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय ब्यूरोक्रेट बने। उन्होंने आजमगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में सेवा करते हुए फाइनल में इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
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