सन् 1942 में इसका नाम बदलकर यूनिवर्सिटी ऑफिसर ट्रेनिंग कोर (U.O.T.C.) रखा गया. NCC एक वॉलेंटियरी ऑर्गनाइजेशन है, जिसे स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले युवा अपनी इच्छा से ज्वॉइन कर सकतें हैं.
नई दिल्ली में अपने मुख्यालय के साथ राष्ट्रीय कैडेट कोर (National Cadet Corps) भारतीय सैन्य कैडेट कोर का एक समूह है. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने सैनिकों की कमी महसूस की. इसके बाद ब्रिटिश शासक भारतीय छात्रों को सैन्य ज्ञान देना चाहते थे, जिससे कि उनकी फौज में अच्छे ऑफिसर व सैनिक शामिल हो सके और उनकी सेना मजबूत हो सके. इसी को ध्यान में रखते हुए 1917 में यूनिवर्सिटी कोर (U.C.) की स्थापना की गई, जिसका पहला बैच (3 नवंबर 1917) कलकत्ता विश्वविद्यालय ने अपने यहां स्थापित किया. साल 1920 में भारतीय प्रादेशिक अधिनियम (indian religion act) पारित हो जाने से U.C. की जगह यूनिवर्सिटी ट्रेनिंग कोर (U.T.C) ने ली
वहीं, सन् 1942 में इसका नाम बदलकर यूनिवर्सिटी ऑफिसर ट्रेनिंग कोर (U.O.T.C.) रखा गया. NCC एक वॉलेंटियरी ऑर्गनाइजेशन है, जिसे स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले युवा अपनी इच्छा से ज्वॉइन कर सकतें हैं. कैडिडेट्स को छोटे हथियारों और परेड में बुनियादी सैन्य से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है. अधिकारियों और कैडेटों को सैन्य सेवा के लिए जरूरी कोई दायित्व नहीं है, लेकिन कोर में उपलब्धियों के आधार पर सामान्य उम्मीदवारों को चयन के वक्त वरीयता दी जाती है.
1948 में हुई थी शुरुआत
एनसीसी की शुरुआत 16 जुलाई 1948 को नेशनल कैडेट कोर एक्ट के तहत हुई थी. इसे यूनिवर्सिटी ऑफ ऑफिसर्स ट्रेनिंग कोर का उत्तराधिकारी माना गया था. ट्रेनिंग कोर को अंग्रेजों ने साल 1942 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शुरू किया गया था. ट्रेनिंग एकेडमी कभी भी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी. इस वजह से इसमें बेहतर योजनाओं को शुरू करने का मन बनाया गया. योजनाओं में युवाओं को शांति काल के दौरान भी बेहतर तरीके से ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया था. इसके बाद एक कमेटी बनाई गई जिसके मुखिया पंडित एचएन कुंजरु थे. इस कमेटी की तरफ से ही स्कूल और कॉलेज के स्तर पर एक कैडेट संगठन की स्थापना की सलाह दी गई थी. इसके बाद 15 जुलाई 1948 को नेशनल कैडेट कोर एक्ट (National Cadet Corps Act) को गर्वनर जनरल ने स्वीकार किया. इस तरह से एनसीसी अस्तित्व में आया.
कौन कर सकता है ज्वॉइन
राष्ट्रीय कैडेट कोर अनुशासित और देशभक्त नागरिकों में देश के युवाओं को संवारने में लगे हुआ है. इसमें ट्रेनिंग के साथ-साथ कैंडिडे्टस को भत्ते भी दिए जाते हैं. जबकि इससे जुड़े ऑफिसर्स को सैलरी दी जाती है. यह राशि राज्य सरकारें तय करती हैं. बता दें एनसीसी में इंडियनआर्मी, एयरफोर्स और नेवी के ऑफिसर्स ट्रेनिंग देते हैं. बता दें भारत का नागरिक ही एनसीसी ज्वॉइन कर सकता है. इसके अलावा नेपाल के लोगों को भी इसे ज्वॉइन करने की छूट है. एनसीसी से जुड़ने के लिए स्कूलों को सभी शर्ते पूरी करनी होती हैं. एनसीसी ज्वॉइन करने के लिए आपको मान्यता प्राप्त स्कूल या कॉलेज का छात्र होना जरूरी है. साथ ही छात्रों को मानसिक और शारीरुक रूप से फिट होना होगा. 12 साल से 26 साल के छात्र एनसीसी को ज्वॉएन कर सकते हैं. एनसीसी सर्टिफिकेट के लिए परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं. ये परीक्षाएं हर साल फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं. किसी भी कैडेट को ‘c’ सर्टिफिकेट तभी दिया जाता है, जब उसे परीक्षा में 50 या 50 से अधिक अंक मिलते हैं.
जाने क्या हैं NCC के सर्टिफिकेट
NCC लड़के और लड़कियों दोनों के ही लिए है. इसमें 4 तरह की डिविजन हैं जिसमें से 2 डिविजन लड़कियों के लिए और 2 डिविजन लड़कों के लिए हैं. लड़कों की डिविजन को जूनियर डीविसन (Junior Division) और सीनियर डीविजन (Senior Division) कहते हैं और लड़कियों की डिविजन को जूनियर विंग (Junior Wing) और सीनियर विंग (Senior Wing) कहा जाता है.
NCC A Certificate
ये सर्टिफिकेट जूनियर डिविजन के उन कैडेट्स को दिया जाता है जो 2 साल की ट्रेनिंग को पूरा कर चुके होते हैं.
NCC B Certificate
ये सर्टिफिकेट सीनियर डिविजन के छात्रों को मिलता है. ये भी दो साल की ट्रेनिंग पूरी कर चुके होते हैं.
NCC C Certificate
ये सर्टिफिकेट सीनियर डिविजन के उन छात्रों को मिलता है जिन्होंने 3 साल की ट्रेनिंग पूरी कर ली होती है. कम से कम 75℅ उपस्थिति और 2 वार्षिक या समकक्ष कैंपो में भाग लिया हो. एनसीसी B और C सर्टिफिकेट के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास NCC A सर्टिफिकेट भी हो. इस सर्टिफिकेट के जरिए एसएसबी इंटरव्यू में आपके चयन बिना लिखित परीक्षा के ही हो जाता है. साथ ही अभ्यर्थी के ग्रेजुएशन में 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए.
फिलहाल 14 लाख से ज्यादा कैडेट्स हैं एनसीसी में शामिल
एनसीसी दुनिया का सबसे बड़ा यूनिफॉर्म्ड यूथ ऑर्गेनाइजेशन है. लगभग 14 लाख कैडेट्स इसमें शामिल हैं. नेशनल कैडेट कोर युवाओं में देशभक्ति और नेतृत्व की भावना विकसित करने में मदद करता है. यह ऑर्गेनाइजेशन न केवल सीमा और तटीय क्षेत्रों के युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण और अनुशासित जीवन शैली से परिचित कराता है, बल्कि उन्हें सशस्त्र बलों में भी शामिल होने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करता है.
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