राशन कार्ड धारक ध्यान दें : केंद्र सरकार ने घटाया कोटा, जानिए अब जून माह से कितना मिलेगा गेहूं और चावल

कुछ राज्यों को अब मुफ्त वितरण के तहत गेहूं नहीं मिलेगा। जबकि उत्तराखंड, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के लिए कोटा कम कर दिया गया है। इसकी वजह गेहूं की कम खरीद होना बताया गया है।

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सितंबर तक आवंटित होने वाले उत्तराखंड के गेहूं का कोटा घटा दिया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवारों के राशनकार्ड धारकों को अब अगले महीने से गेहूं कम और चावल ज्यादा मिलेगा।

केंद्र सरकार की ओर से कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले गेहूं की मात्रा को कम कर दिया गया है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि गेहूं के घटे हुए कोटे की भरपाई चावल से की जाएगी।

कुछ राज्यों को मुफ्त वितरण के तहत गेहूं नहीं मिलेगा। जबकि उत्तराखंड, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के लिए कोटा कम कर दिया गया है। इसकी वजह गेहूं की कम खरीद होना बताया गया है।


बताया गया है कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात में किसानों से इस बार गेहूं की कम खरीद हुई है। इन राज्यों में किसानों को खुले बाजार में व्यापारियों से अपनी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिले हैं। जबकि पंजाब, हरियाणा, यूपी में उत्पादन भी कम हुआ है।

अगले महीने से सिर्फ एक किलो गेहूं
प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 14 लाख से अधिक अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवारों के राशनकार्ड धारकों को अगले महीने से प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं के स्थान पर मात्र एक किलो गेहूं मिलेगा। जबकि चावल दो किलो के स्थान पर चार किलो मिलेगा।

इतने हैं अंत्योदय और प्राथमिक राशन कार्डधारक
प्रदेश में अंत्योदय के एक लाख 84 हजार से अधिक राशन कार्डधारक हैं। जबकि प्राथमिक परिवारों के 12 लाख 27 हजार से अधिक राशन कार्ड धारक हैं। जबकि दोनों की यूनिटों की संख्या 60 लाख 93 हजार से अधिक है।

चावल बढ़ा, गेहूं कम मिला
क्षेत्रीय विपणन अधिकारी सीएम घिल्डियाल के मुताबिक योजना के तहत प्रदेश में करीब 30 हजार मीट्रिक टन गेहूं और चावल का आवंटन होता है। इसमें अब तक 18 हजार मीट्रिक टन गेहूं और 12 हजार मीट्रिक टन चावल का आवंटन होता था, लेकिन अब गेहूं सात हजार मीट्रिक टन और चावल का बढ़कर 23 हजार मीट्रिक टन आवंटन हुआ है।

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