यह तस्वीर लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के वापस घर जाने में आ रही परेशानियों की कहानी बयां कर रही है।
यह परिवार इंदौर से देवास जा रहा था जब घर से 100 किलोमीटर दूर रह गए तभी उनका भोजन पानी समाप्त हो गया। जिस बैलगाड़ी से जा रहे थे। उस का बैल ₹15000 कीमत का था उसे 5000 में बेच दिया। एक बैल में चलना मुश्किल हुआ तो परिवार ने अपने बेटे मनोज कुमार जिसकी उम्र 16 साल थी।
उसे दूसरे बैल के स्थान पर जोत दिया। 40 डिग्री टेंपरेचर में सड़क पर किशोर बैल के साथ बैलगाड़ी खींचता हुआ दिखाई दिया। यह मंजर वर्तमान हालात को बयान करने के लिए एक बिनगी भर है।
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