आज टीचर्स-डे है फातिमा शेख जो पहली गर्ल्स स्कूल टीचर थी शायद हम उनको भूल गए हैं फातिमा शेख का नाम नही लिया जाता है और सावित्रीबाई को सम्मान दिया जाता है। फातिमा शेख गुमनाम रही । सारी प्रसिद्धि सिर्फ सावित्रीबाई के नाम आई है। फातिमा शेख का काम सावित्रीबाई के बराबर तो नही है लेकिन कई मायनों में ज्यादा साहसिक है !
वास्तव में फातिमा शेख ने लड़कियों, खासकर दलित और मुस्लिम समुदाय की लड़कियों को शिक्षित करने में सन् 1848 के दौर में अहम योगदान दिया था। फातिमा शेख ने दलित महिलाओं को शिक्षित करने का प्रयास करने वाली सावित्रीबाई फुले और महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ काम किया !
भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षक फातिमा शेख को खिराज़-ए-अक़ीदत!
शहज़ादा कलीम
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