कोरोना की स्थिति को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग फिलहाल उपचुनाव कराने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में उत्तराखंड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।दोनों को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ सकता है. सीएम ममता बनर्जी के पास तो विकल्प है।लेकिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के पास संभावनाएं काफी कम हैं।
उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत को बीती नौ मार्च को मुख्यमंत्री बनाया गया था। तब तय किया गया था कि छह महीने के अंदर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को उप चुनाव लड़ाकर विधानसभा का सदस्य बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 10 सितंबर तक विधानसभा की सदस्यता लेनी है।
पांच मई को भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का जिक्र किया गया कि कोरोना महामारी के चलते अभी उपचुनाव नहीं कराया जा सकते हैं. ऐसे में उपचुनावों के ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
ऐसे में उत्तराखंड व पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के माथे पर चिंता की लकीर साफ देखी जा सकती है।
हालांकि पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने दावा किया था कि आयोग का कोरोना महामारी के दौरान चुनाव कराने का अनुभव है।
ऐसे में उसे साल 2022 में देश के कई राज्यों पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और मणिपुर में विधानसभा चुनाव कराने में कोई दिक्क्त नहीं होगी।
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