सरकारी दफ्तरों में काम करवाने के लिए रिश्वत देने में भारत के लोग एशिया में सबसे आगे हैं।
यहां लोगों को किसी न किसी रूप में घूस देनी ही पड़ती है। यह जानकारी भ्रष्टाचार पर काम करने वाले ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की बुधवार को जारी रिपोर्ट में सामने आई है। इसके मुताबिक, एशिया प्रशांत क्षेत्र में रिश्वत के मामले में भारत शीर्ष पर है, जबकि जापान सबसे कम भ्रष्ट है। इस रिपोर्ट के मुताबिक एशिया के अन्य देशों में कंबोडिया दूसरे और इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है। इस रिपोर्ट के मुताबिक एशिया में हर पांच में से एक ने रिश्वत दी ह।हालांकि, सर्वे में शामिल 62 फीसदी लोग मानते हैं कि भविष्य में हालात सुधरेंगे।
करीब 39 फीसदी भारतीय मानते हैं कि उन्होंने अपना काम करवाने के लिए रिश्वत का सहारा लिया
ये हैं सबसे ईमानदार देश, नहीं चलता घूस
एशिया के सबसे ईमानदार देशों की बात करें तो इसमें मालदीव और जापान संयुक्त रूप से पहले नंबर पर हैं।यहां पर महज 2 फीसदी लोगों ने ही माना कि उन्हें कभी किसी काम के लिए रिश्वत देनी पड़ी।इसके बाद दक्षिण कोरिया का नंबर आता है, जहां पर करीब 10 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें काम निकलवाने के लिए घूस देनी पड़ी है हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया में घूसखोरी के मामले कम हैं पाकिस्तान में सिर्फ 40% लोगों ने रिश्वत देने की बात मानी है।
वोट के लिए नोट एक बड़ी समस्या
देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को अलग-अलग कैटेगिरी में रखा गया है जैसे 89 फीसदी भारतीय सरकारी भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या बना हुआ ह। इसके बाद 39 फीसदी रिश्वतखोरी को बड़ी समस्या मानते हैं, जबकि 46 फीसदी किसी भी चीज के लिए सिफारिश किए जाने को समस्या मानते हैं वहीं, 18 फीसदी भारतीय ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि वोट के लिए नोट एक बड़ी समस्या है 11 फीसदी ने माना कि काम निकलवाने के लिए होने वाला शारीरिक शोषण एक बड़ी समस्या है।
63% भारतीयों ने माना कि सामान्य व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण अंतर ला सकता है 55% भारतीयों ने कहा कि वे भ्रष्टाचार का सबूत देने के लिए दिन भर कोर्ट में खड़े रह सकते हैं।
भारत में इन विभागों में चलती है सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी
भारत में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार भू अभिलेख, निबंधन और भूमि से जुड़े मामलों है। सबसे अधिक 26 प्रतिशत घूस के मामले इस विभाग से जुड़े हैं। जानकारों का मानना है कि भारत के कई राज्यों में चकबंदी नहीं होने और जमीन के कागजात पुरखों के नाम पर होना इसकी बड़ी वजह है। दूसरी वजह तेजी से संपत्ति की कीमतों में इजाफा होना है बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों तक में जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े मामलों सामने आते रहते हैंहाल में ही उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक लेखपाल को 15 हजार रुपये घूंस लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था ।
भ्रष्टाचार और घूसखोरी के मामले में पुलिस दूसरे स्थान पर है
19 प्रतिशत घूस के मामले इस विभाग से जुड़े हैं. पिछले वर्ष बिहार की राजधानी पटना में घूसखोरी का बड़ा मामला सामने आया था. महात्मा गांधी सेतु पुल पर ओवरलोडेड वाहनों को पार कराने के लिए घूस लेने के आरोप में एक साथ 45 पुलिस वालों को निलंबित किया गया था।
घूस लेने के मामले में नगर निगम,नगरपालिका, नगर पंचायत भी पीछे नहीं है।13 प्रतिशत घूस के मामले इसी विभाग से जुड़े हैं।यूपी की राजधानी लखनऊ के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वे अपने घर का नक्शा पास कराने के लिए महीनों से कोशिश कर रहे थे लेकिन आज-कल की बात कर महीनों तक उन्हें कार्यालय का चक्कर लगवाया गया आखिरकार कर्मचारी को पैसे देने के बाद उनका काम हुआ।
इन राज्यों में ज्यादा भ्रष्टाचार
भारत के राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है।
इंडिया करप्शन सर्वे 2019′ में 20 राज्यों के 248 जिलों के 1,90,000 लोग शामिल हुए सर्वे के अनुसार 51 प्रतिशत भारतीयों ने पिछले 12 महीनों में एक बार घूस जरूर दी है।
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