हरियाणा के रोहतक में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ नेताओं को बंधक बना लिया. शुक्रवार 5 नवंबर को हुई इस घटना में किसानों ने BJP नेताओं की गाड़ियों की हवा निकाल दी. ये नेता रोहतक के एक मंदिर में पीएम नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम देखने पहुंचे थे. लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने मंदिर प्रांगण में लगे टीवी के तार भी काट दिए. घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रही.
क्या है मामला?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे पर हैं. आजतक के सतेंद्र चौहान की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी के मद्देनजर हरियाणा के हर जिले में शिव मंदिरों में पीएम मोदी के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण रखा गया था. रोहतक के किलोई गांव के शिव मंदिर में भी कार्यक्रम रखा गया था. मनीष ग्रोवर समेत तमाम BJP नेता इसमें शामिल होने के लिए पहुंचे. लेकिन वहां किसानों ने नेताओं को बंधक बना लिया. उन्होंने BJP नेताओं की गाड़ियों की हवा निकाल दी. मंदिर प्रांगण में लगे टीवी के तार काट दिए. नेताओं को बंधक बनाने के लिए किसानों ने मंदिर के मुख्य द्वारों के बाहर पत्थर और झाड़ियां रख दीं. इस दौरान पुलिस लगातार उन्हें समझाने की कोशिश में जुटी रही.
रिपोर्ट के मुताबिक जिन नेताओं को बंधक बनाया गया, उनमें पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर भी शामिल हैं. उनके अलावा संगठन मंत्री रविंद्र राजू, मेयर मनमोहन गोयल, जिला अध्यक्ष अजय बंसल, सतीश नांदल, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामअवतार बाल्मीकि, सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल, BJP के कई पार्षद, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष उषा शर्मा, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष नवीन ढुल समेत रोहतक भाजपा के कई नेता शामिल थे.
इन नेताओं को बंधक बनाए जाने के बाद से मौके पर तनाव जैसे हालात थे. किसान बीजेपी नेताओं से माफी मांगने की बात पर अड़े थे. लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इंकार कर दिया. हालांकि इस बारे में एक अपडेट ये है कि BJP नेताओं ने आखिरकार माफी मांग ली है. आजतक से जुड़े सुरेंद्र सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक माफी मांगने वाले नेताओं में मनीष ग्रोवर भी शामिल हैं. इसके बाद किसानों ने सभी नेताओं को जाने दिया है.
किसान नेता क्या कह रहे?
BJP नेताओं के माफी मांगने से पहले अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्रीत सिंह ने कहा था,
विरोध इस बात का है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान कर रखा है कि जब तक तीनों काले कृषि कानून वापस नहीं ले लेते हैं, एमएसपी को लेकर कानून नहीं बना लेते हैं, तब तक जेजेपी और बीजेपी के किसी भी मंत्री और नेता को गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे. पता इनको भी है कि लोगों ने बॉयकट कर रखा है. लेकिन ये मंदिर में घुसे.
ये मंडी में क्यों नहीं जा रहे? लोगों को अनाज नहीं मिल रहा. लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं. इनका सोशल बॉयकट जरूरी है. इनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. गांव वाले चाहते हैं ये माफी मांगें और फिर से गांव की सहमति के बिना ऐसा काम न करें.
वहीं रोहतक जिला प्रधान किसान यूनियन चढूनी के सदस्य राजीव मकड़ोली ने कहा था,
ये ज्यादा बड़े भक्त बने हुए हैं. इन्हें मंदिर के अंदर रोका गया है. मनीष ग्रोवर, सतीश नांदल, डॉक्टर प्रेम रूड़की ज्यादा हाथ हिला रहा था, सारे देख रहे थे. माफी मांग लेते हैं तो ठीक है, नहीं तो कच्छे में घर जाएंगे और जब तक किसान आंदोलन चलेगा तब तक रोहतक में ये कोई प्रोग्राम नहीं करेंगे. इस बात पर ये सहमत होंगे कि इन्होंने किसानों और मजदूरों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है.
हिसार में लाठीचार्ज
BJP नेताओं के खिलाफ किसानों का ये गुस्सा हरियाणा के दूसरे हिस्सों में भी देखने को मिला. हिसार के नारनौंद में विश्वकर्मा धर्मशाला का शिलान्यास करने पहुंचे BJP सांसद रामचंद्र जांगड़ा का किसानों ने भारी विरोध किया. इस दौरान सांसद की गाड़ी का अगला शीशा टूट गया. शीशा कैसे टूटा ये अभी स्पष्ट नहीं है.
वहीं पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया है. इसमें कई किसान घायल हुए हैं. कइयों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. लाठीचार्ज में एक किसान कुलदीप घायल हो गए. उनकी हालत सीरियस बताई गई है. जिंदल हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में उनका इलाज चल रहा है.
किसानों का पारा क्यों चढ़ा?
दैनिक भास्कर के मुताबिक किसानों को इस बात पर ज्यादा गुस्सा है कि सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने उनके लिए ‘लफंगा’ और ‘दारूबाज’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है. इसीलिए उनके विरोध में किसानों काले झंडों के साथ मौके पर पहुंच गए. जिस गली से राज्यसभा सांसद को जाना था, उसी गली में किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े कर रास्ता बंद कर दिया.
अखबार के मुताबिक इससे पहले भी BJP सांसद की बयानबाजी की वजह से किसानों ने उनका घेराव किया था. उस समय रामचंद्र जांगड़ा ने माफी मांगी थी, तब जाकर किसानों ने उन्हें जाने दिया था.
वहीं ताजा विरोध को लेकर सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा है,
मैं अपना कार्यक्रम समाप्त करने के बाद एक अन्य समारोह में शामिल होने के लिए जा रहा था. कुछ बदमाशों ने मेरी कार पर लाठियां बरसाईं, जिससे मेरी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई. किसी को चोट नहीं आई. मैंने इस घटना को लेकर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक से बात की है. मैंने दोषियों के खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त सजा की मांग की है. ये एक स्पष्ट हत्या का प्रयास है.
इस बीच पुलिस ने जिन दो किसानों को हिरासत में लिया था उन्हें छोड़ दिया गया है.
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