क्या अब कोरोना से लड़ेगा रोबोट देखे कैसे कोरोना से लड़ेगा ये , देखे पूरी खबर

Date:

बुलंदशहर:देश इस वक्त कोविड-19 नोबॉल कोरोना जैसी गंभीर महामारी से गुज़र रहा है, भारत लॉकडाउन है और सभी से कोरोना संक्रमित लोगों समेत एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने की अपील की जा रही है।

कोविड-19 मरीज को दवा देता रोबोट


मग़र बुलंदशहर में इस लॉकडाउन के बीच घर में बैठे कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के दो छात्रों ने जो कर दिखाया वो आपको दांतो तले उंगली चबाने पर मजबूर कर देगा।

आपने हॉन्गकॉन्ग की रोबोट सोफिया के बारे में पढ़ा, सुना या देखा ज़रूर होगा, अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं, हॉन्गकॉन्ग की रोबोट सोफिया में तैयार होने वाले रोबोट इंसानों की तरह काम करते हैं। लेकिन रोबोट से इंसानी काम लेने की इस सफ़लता को हांसिल करने के लिए हॉन्गकॉन्ग को ना सिर्फ एक लंबा अरसा लगा बल्कि इसपर कई रीसर्च भी किए गए। मगर क्या आप यकीन कर पाएंगे कि जो काम करने में बड़े बड़े साइंटिस्ट को लंबा वक्त लगता है उसे भारत के दो छात्रों ने सिर्फ दो सप्ताह में ना सिर्फ कर दिखाया, बल्कि उन्होंने बिना किसी ट्रेनिंग के अपने दम पर एक रोबोट बनाकर खड़ा भी कर दिया?

ट्रायल करहकर दिखाते बनाने वाले दोनों छात्र

बुलंदशहर के नगर निवासी और नोएडा की अलग-अलग यूनिवर्सिटी-कॉलेज में पढ़ने वाले निशांत शर्मा और अतुल कुमार ने मिलकर महज़ 14 दिन में ऐसा रोबोट तैयार किया है जिसे अगर वाकई गंभीरता से लिया जाए तो वो कोरोना की महामारी में मुफ़ीद साबित हो सकता है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले निशांत का दावा है कि अगर उनके प्लान पर गौर की जाए तो भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा के लिये उनके बनाये रोबोट कारगर साबित हो सकते हैं। निशांत बताते हैं कि यूं तो वो और उनका दोस्त महीनों से इसपर रिसर्च कर रहे थे, मगर देश में कोरोना के दाख़िल होने के बाद महज 14 दिन में ये रोबोट इनके द्वारा तैयार कर दिया गया। दावा किया गया कि रोबोट को पेटेंट कराने के लिए प्रोसेस करने का भी प्रयास किया जा रहा है, डेढ़ लाख की लागत से तैयार किये गए इस रोबोट का नाम डेल्टा 3.0 है। मोबाइल एप्स से कंट्रोल होने वाला ये रोबोट मरीज को दवाई दे सकता है जबकि सेनेटाइएज्ड करने के लिए इसमें अलग से सेंसर सिस्टम लगाया गया है। इस रोबोट को दूर से ही आपरेट किया जा सकता हैं, जबकि इसमें डिस्प्ले लगाई गई है जोकि समय समय पर नोटिफिकेशन के ज़रिए आपको जानकारी देती है।इसे बनाने वाले छात्रों का दावा है कि अगर सरकार इसे पेटेंट करा दे तो ऐसे वक्त कोरोना मरीज़ों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स और हॉस्पिटल स्टाफ में फैलने वाले संक्रमण को रोकने में ये रोबोट बहुत मुफ़ीद साबित होंगे। निशांत शर्मा , स्टूडेंटरोबोट बनाने वाले दोनों छात्रों के साहस की जितनी सराहना की जाए कम है, साथ ही घर बैठे इन छात्रों ने ये भी साबित कर दिया कि रोबोट बनाने के लिए सिर्फ ट्रेनिंग या बड़े संस्थान की ही जरूरत नहीं होती, बल्कि अगर आप में लगन और जुनून है तो कम सुविधाओं से भी बड़े सपनों को सच किया जा सकता है।

Subscribe

Popular

More like this
Related

रामवनगमन मार्ग से खुलेगा विकास का नया द्वार: कुंडा-बाबागंज में हो रहा अभूतपूर्व बदलाव

कुंडा, प्रतापगढ़।कुंडा-बाबागंज क्षेत्र में विकास की बयार तेजी से...

ऑटिज्म रिसर्च में राष्ट्रीय स्तर पर चमके डॉ अमित कुमार, वाराणसी और प्रयागराज का नाम किया रोशन

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान...

मंगरौरा विकासखंड में लेखाकार शिव मोहन पांडेय को दी गई भावभीनी विदाई

हामिद इब्राहिमप्रतापगढ़ जनपद के मंगरौरा विकासखंड परिसर में लेखाकार...

IAS बनीं अन्नपूर्णा मिश्रा और सौम्य शर्मा, बेल्हा की माटी ने फिर रचा इतिहास

प्रतापगढ़: जिले के लिए गौरवपूर्ण पल तब आया जब...