अधिवक्ताओं पर मेहरबान यूपी सरकार, हर महीने देगी इतने रुपये, देखे पूरी रिपोर्ट

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लखनऊ :-
प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने अधिवक्ता हितों के मद्देनजर दो बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने जिले व तहसीलों में 3 वर्ष का रजिस्ट्रेशन पूरा करने वाले अधिवक्ताओं को बिना किसी परीक्षा 5000 रुपये दिए जाने और कोरोना संक्रमित अधिवक्ताओं के इलाज का खर्च प्रदेश सरकार के स्तर से उठाने का ऐलान किया है। 

पाठक मंगलवार को विधानभवन स्थित अपने कार्यालय में बार काउंसिल ऑफ यूपी के सदस्य व न्याय विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया में अधिवक्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है। सरकार वकीलों के संरक्षण के प्रति पूरी तरह गंभीर है और उनकी समस्या का निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। 

मंत्री ने न्याय समिति से कहा कि वह बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा परीक्षा पास करने के बाद अधिवक्ताओं को 5000 रुपये देने की व्यवस्था को हटाते हुए जिले व तहसीलों में कार्यरत उन अधिवक्ताओं को 5000 रुपये देने की व्यवस्था बनाएं, जिनका रजिस्ट्रेशन 3 वर्ष हो गया है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिवक्ता कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो इलाज का सारा खर्च प्रदेश सरकार उठाएगी। इस महामारी में प्रदेश सरकार अधिवक्ताओं के साथ खड़ी है। उन्होंने अफसरों से मृतक अधिवक्ताओं से संबंधित क्लेम (दावा) का निस्तारण कराते हुए संबंधित परिजनों को 5 लाख रुपये भुगतान की कार्यवाही तेजी से कराने का निर्देश दिया। बैठक में प्रमुख सचिव न्याय जेपी सिंह, एडिशनल एलआर राजेश पति त्रिपाठी, यूपी बार काउंसिल के सदस्य प्रशांत अटल, हृदय नारायण पांडेय सहित न्याय विभाग के अन्य अधिकारी तथा बार काउंसिल के सदस्य उपस्थित थे।  

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